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Modi Cabinet Descision : MBBS की 5023, Medical PG की 5000 सीटें बढ़ाने को मंजूरी

डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा : MBBS, PG की 10 हजार से ज्यादा सीटें बढ़ेगी!
 

RNE New Delhi.

भारत में डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले युवाओं के सपने को अब पंख लगेंगे और उन्हें सीटों की कमी के कारण डॉक्टर बनने से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। इसके वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 10 हजार से ज्यादा मेडिकल सीटों को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अस्पतालों के सुदृढीकरणकरण की केंद्र प्रायोजित योजना के तीसरे चरण को स्‍वीकृति दे दी है। इस स्वीकृति से मेडिकल पीजी की 5,000 सीटें बढ़ाई जा सकेगी। इसके साथ ही 5,023 एमबीबीएस सीटें बढ़ाई जाएंगी।

दोनों योजनाओं पर वर्ष 2025-26 से 2028-29 की अवधि में कुल वित्तीय परिव्‍यय 15,034.50 करोड़ रुपये आएगा। 15034.50 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार की देनदारी 10,303.20 करोड़ रुपये और राज्य की देनदारी का हिस्सा 4731.30 करोड़ रुपये होगी।
इन योजनाओं का लक्ष्य 2028-2029 तक सरकारी संस्थानों में 5000 स्‍नातकोत्‍तर सीटें और 5023 मेडिकल स्‍नातक सीटें बढ़ाना है। योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।

 भारत में अभी 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जो विश्‍व में सर्वाधिक है। इनमें कुल एक लाख 23 हजार 700 MBBS सीटें हैं। पिछले एक दशक में, 127 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 69 हजार 352 से अधिक नई MBBS सीटें जोड़ी गई हैं। इसी अवधि में 143 प्रतिशत की वृद्धि से अतिरिक्‍त 43 हजार 041 PG Medical सीटें जोड़ी गईं हैं।  मेडिकल सीटों की संख्या में इस व्‍यापक वृद्धि के बावजूद स्वास्थ्य सेवा की मांग, पहुंच और सामर्थ्य  क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत स्वीकृत 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के अलावा, अत्याधुनिक शिक्षण सुविधाओं के साथ चिकित्सा क्षमता के उच्चतम मानकों के स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

दरअसल 24 सितंबर, 2025 को मंत्रिमंडल की एक बैठक के दौरान, 75,000 मेडिकल सीटें सृजित करने के लक्ष्य के तहत, 15,034 करोड़ रुपये के निवेश से 10,023 नई मेडिकल सीटों को मंजूरी दी गई।

स्नातक सीटों में 141% और स्नातकोत्तर सीटों में 144% की वृद्धि के साथ, मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2013-14 के 387 से दोगुनी होकर 2025-26 में 808 हो गई।

नए 2025 नियम अनुभवी सरकारी विशेषज्ञों को अनिवार्य निवास आवश्यकताओं के बिना प्रोफेसर बनने की अनुमति देते हैं। यह पहल विशेष रूप से वंचित समुदायों को लक्षित करती है और भारत को किफायती स्वास्थ्य सेवा के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करती है।