SAHITYA AKADEMI : नवतेज सरना ने साझा किया अपना लेखकीय जीवन
Apr 22, 2025, 19:48 IST
- यात्राओं से लेखन बहुत समृद्ध हुआ - नवतेज सरना
आगे उन्होंने अपने लेखन का श्रेय अपने माता-पिता और उनकी पुस्तकों को दिया जो उन्हें निरंतर घर में उपलब्ध थीं। उन्होंने लेखन की शुरुआत कॉलेज मैगजीन और अख़बारों में लिखकर की। उन्होंने बताया कि उनका पहला लेख ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के रविवारीय परिशिष्ट में छपा था जो कॉफी हाउस के कल्चर पर लिखा गया था और जिसके लिए उन्हें 1970 में 150 रुपए का मानदेय प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि विदेश सेवा में रहते हुए उन्होंने पॉलिटिक्स और पॉलिसी से अलग कहानियाँ लिखना शुरू किया।
इसीलिए उनका लेखन उनके उस व्यक्तित्व से बिल्कुल अलग रहा। प्रकाशकों के उपन्यास लिखने के निरंतर दवाब में उन्होंने उपन्यास लिखना आरंभ किया। अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘द एक्ज़ाइल’ के बारे में बताते हुए कहा कि यह महाराज दलीप सिंह पर केंद्रित है तथा इसके लिए उन्होंने लाहौर की छह से ज्यादा और पेरिस की भी यात्राएँ कीं। जिनसे उनके व्यक्तित्व को समझने में बहुत मदद मिली। उन्होंने अपनी अनूदित पुस्तकों की चर्चा भी की। कार्यक्रम के अंत उन्होंने श्रोताओं के सवालों के उत्तर भी दिए।


