
नये व युवा लोगों को संगठन की जिम्मेवारी देने का प्रयास, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की पीएम सहित आला नेताओं से चर्चा
- विधानसभा के बजट सत्र के बाद संगठन की नियुक्तियांअभिषेक आचार्य
RNE Special
राज्य में अब सबसे पहले भाजपा अपने संगठन का ढांचा खड़ा करेगी। मदन राठौड़ का प्रदेश अध्यक्ष पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है और लगभग सभी जगह जिला अध्यक्ष भी बन चुके हैं। अब विधानसभा के बजट सत्र के बाद जिला व प्रदेश कार्यकारिणी का गठन ही संगठन की प्राथमिकता है। जिसके लिए अभी से कवायद आरम्भ हो गई है।प्रदेधाध्यक्ष राठौड़ व राज्य भाजपा प्रभारी राधे मोहन सिंह अग्रवाल के बीच तो प्रदेश पदाधिकारियों को लेकर चर्चा हो गई है। अब राठौड़ पार्टी के आला नेताओं से इस विषय पर चर्चा करने में लगे हुए हैं। इस कड़ी में वे पीएम नरेंद्र मोदी से तो मुलाकात कर चुके हैं। बाकी नेताओं से कुछ दिनों में ही चर्चा हो जाएगी।
ये मुख्य बातें निकल के आई है:
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश पदाधिकारियों को लेकर जो पहली बात सामने आई है वो ये है कि आधे से अधिक पदाधिकारी इस बार बदल दिए जाएंगे। अक्सर कई नेता तो हर प्रदेश अध्यक्ष की कार्यकारिणी में दिखाई दे जाते हैं, मगर इस बार ऐसा नहीं होगा।क्षेत्रवार अच्छे, कर्मठ, पूरा समय देने वाले नेताओं की एक सूची बनाई गई है, जिनको ही प्रदेश पदाधिकारी बनाया जायेगा ताकि पदाधिकारियों में क्षेत्रीय संतुलन भी बना रहे और प्रदेश कार्यकारिणी पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करती दिखे।
प्रदेश पदाधिकारियों में इस बार उम्र का विशेष ख्याल रखा जायेगा। अधिकतर युवाओं को आगे लाने का प्रयास होगा। उसमें भी जातिगत व क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा जायेगा।जिलों में भी यही तरीका सम्भव:
ठीक इसी तर्ज पर जिलों में भी इस बार नये लोगों को पदाधिकारी बनाने के प्रयास होंगे। हर बार पदाधिकारी बनने वाले लोगों को इस बार अलग रखा जायेगा। जातिगत संतुलन पर विशेष ध्यान रहेगा।
नजर निकाय व पंचायत चुनाव पर:
भाजपा संगठन का ढांचा इस तरह से खड़ा करना चाहती है कि निकाय व पंचायत चुनाव में वो अधिक सफलता हासिल कर सके। क्योंकि संगठन की असली परीक्षा तो इन चुनावों में ही होगी।