Rajasthan : महिला की गलत किडनी निकालने वाले डॉक्टर धनखड़ सहित 08 डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन रद्द
- दो डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन छह महीनों के लिए सस्पेंड
आरएनई, नेटवर्क।
महिला की गलत किडनी निकालने के आरोपी डॉक्टर संजय धनखड़ राजस्थान के आठ डॉक्टर अब मेडिकल प्रेक्टिस करने के पात्र नहीं रहेंगे। राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने इन डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है। इसके साथ हो दो डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन छह महीने के लिए सस्पेंड किया गया है।
यह निर्णय राजस्थान मेडिकल काउंसिल (RMC) की जनरल बॉडी की बैठक में लिया गया। बुधवार को निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज से 22 मनोनीत सदस्यों ने भाग लिया।
25 डॉक्टर के मामलों पर चर्चा, 10 पर कार्रवाई :
निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि बैठक में पैनल एंड एथिकल कमेटी के समक्ष कुल 25 प्रकरण प्रस्तुत किए गए। जिसमें एनएमसी, दिल्ली के दिशा-निर्देश अनुसार 8 चिकित्सकों का पंजीयन निरस्त किया गया एवं दो चिकित्सकों का पंजीयन 6 माह के लिए निलंबित किया गया है।
विदेश से एमबीबीएस कर आए, फर्जी रजिस्ट्रेशन करवा लिया :
जिन आठ डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन कैंसल किया गया है, उनमें डॉ. संजय धनखड़, डॉ. गणपत सिंह, डॉ. मो. साजिद, डॉ. मो. अफजल, डॉ. कृष्णा सोनी, डॉ. बोम्मा रेड्डी हरि कृष्णा, डॉ. जयदीप सिंह एवं डॉ. बलजीत कौर शामिल है। इनमें से डॉक्टर धनखड़ जहां गलत किडनी निकालने के मामले में आरोपी हैं वही सात डॉक्टर ऐसे है जो विदेश से एमबीबीएस कर आए है।
बताया जाता है कि विदेश से एमबीबीएस करके आए डॉक्टर्स ने एनएमसी की परीक्षा पास नहीं की। फर्जी सर्टिफिकेट बनवा लिया और क्लीनिक चलाने लगे। इनके अलावा डॉ. अजय अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल का पंजीयन 6 माह के लिए निलंबित किया गया है। इन दोनों को लाडनू में भ्रूण लिंग परीक्षण के मामले में पकड़ा गया था।
RMC में अब सब कुछ ऑनलाइन होगा :
डॉ. माथुर ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह के निर्देशों पर राजस्थान मेडिकल काउंसिल के सभी समस्त रिकार्ड को ऑनलाइन करने एवं चिकित्सकों के क्रेडिट अवार्ड को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सीएमई सिस्टम लागू करने एवं परिषद में पंजीकृत चिकित्सकों का क्यूआर कोड वाले स्मार्ट कार्ड बनाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। साथ ही पीसीटीएस सॉफ्टवेयर और यू विन पोर्टल पर निजी चिकित्सालय का रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं ।