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जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे पता चलता है कि घाटे वाली कंपनियों ने भी चुनावी चंदा दिया : सिब्बल

RNE, NETWORK .

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के बाद देश के कई नामी कारोबारियों के नाम बेपर्दा होने के बाद इस पर सियासी बवाल भी शुरु हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानूनविद कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कंपनियों ने रानजीतिक दलों को अपने हित में साधा है, इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे पता चलता है कि घाटे वाली कंपनियों ने भी चुनावी चंदा दिया है। इसलिए इस बात की जांच होनी ही चाहिए कि क्या ऐसी कंपनियों को राजनीतिक दलों की तरफ से फायदा पहुंचाया गया है।

देश का दूसरा बड़ा स्कैम

सिब्बल ने दावा किया कि नोटबंदी देश का बहुत बड़ा घोटाला था और उससे भी बड़ा घोटाला अब सामने आया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में दो बहुत बड़े स्कैम हुए। एक नोटबंदी का, जहां करोड़ों रुपये जो कैश में थे लोगों के, किसी ने कोई ऐतराज नहीं किया और सभी ने पैसा बदल लिया। उसकी आज तक जांच नहीं हुई।

वो बहुत बड़ा स्कैम था। उससे भी बड़ा स्कैम ये है। इस स्कैम से जितना उनको चाहिए था, वो हासिल कर लिया। भाजपा दुनिया में सबसे बड़ी पूंजीपती पार्टी बनकर उभरी है। देखना ये है कि कानून इसको किस नजरिए से देखता है।