एरर्स को रिपीट न करें, छोटी गलतियां बड़ा नुक्सान कर सकती हैं- दीप्ति जांडियाल
Mar 30, 2024, 00:05 IST
- ब्रांड बनने के लिए दुनिया के सामने खुद को वेलिडेट न करें
- एरर्स को रिपीट न करें, छोटी गलतियां बड़ा नुक्सान कर सकती हैं- दीप्ति जांडियाल
- ब्रांड कॉल्ड यू और एजाइल एजुकेशन विषयों पर हुआ संवाद
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जनित महामारी कोविड-19 के समय लर्निंग का नया फेज़ आया जिसे न्यू नार्मल कहा गया। वो पढाई का नया तरीका जरूर था लेकिन उस दौरान वास्तविक रूप में लर्निंग नहीं हुई, स्टूडेंट्स की स्किल्स नहीं बढ़ पाई और इसकी वजह थी उस सिस्टम में इमोशंस का नहीं होना। उन्होंने उदाहरण दिया कि जो सम्बन्ध मांस और खून में है, वही लर्निंग में फिजिकल उपस्थिति का है। साथ ही सीखने की प्रक्रिया में जिज्ञासा या सवालों का पैदा होना लाजिमी है। उन्होंने ब्रांड बनने के लिए आत्मविश्वास, संयम, समर्पण, कौशल, प्रेरणा, सततशीलता और सही समय का चुनाव जैसे टिप्स भी दिए।
सुश्री दीप्ति ने कहा कि किसी भी पर्सनालिटी के लिए आवश्यक है कि वो ब्रांड बिल्डिंग प्रोसेस में फ़ोकल पॉइंट को नज़र अंदाज़ नहीं करें। क्योंकि ऐसा करके उसे सुपरिणाम नहीं मिल सकते। साथ ही ब्रांड क्रिएट करने के लिए स्किल सेट की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने गुजरात की 77 वर्षीय उर्मिला जमनादास उर्फ़ गुज्जू बेन की प्रेरक कहानी को साझा किया जिसने जीवन की विषम परिस्थितियों में अपने जज्बे और स्किल्स से खुद अपना ब्रांड पैदा कर दिया। सुश्री जांडियाल ने देश-दुनिया की कई नामी-गिरामी कंपनियों की सक्सेस स्टोरीज भी साझा की और यूनिवर्सिटी स्टाफ को कुछ प्रैक्टिकल एक्सरसाइज़ के जरिए बताया कि टीचिंग में टीचर को ये समझना आना चाहिए कि लर्निंग किस स्तर की हो रही है क्योंकि स्टूडेंट्स टीचर्स को एक्सपर्ट समझते हैं और उसी अपेक्षा से वे क्लास रूम में आते हैं।
इस अवसर पर समाजसेवी संजय सिहाग, एसकेडीयू के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश कुमार जुनेजा, वाइस चांसलर गिरीश चावला, प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर वैभव श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार डॉ. एमसी राजोरिया सहित समस्त टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ मेंबर्स उपस्थित रहे। अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. संजय मिश्रा ने विषय प्रवर्तन किया। एफडीपी के दूसरे दिन 30 मार्च को वैल्यूज, एथिक्स एंड मिशन और इमोशनल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर टॉक जारी रहेगी। 

