“कजरी” को दुनिया में पहचान देने वाली पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव का निधन
कजरी लोक गीत गायिका अजीता श्रीवास्तव का निधन
RNE Network
भारतीय लोक संगीत व गायन की बड़ी कलाकार पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव का कल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में निधन हो गया।
प्रसिद्ध कजरी लोकगीत गायिका पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव का शनिवार शाम 5.55 पर निधन हो गया। अजीता पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रही थी। उन्हें लीवर में संक्रमण की समस्या थी। उनके भतीजे जय श्रीवास्तव ने उनके निधन की पुष्टि की। भारत सरकार ने 2022 में अजीता श्रीवास्तव को पद्मश्री से सम्मानित किया था।
लोकगीतों को दी नई पहचान :
वाराणसी में जन्मी अजीता ने प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर की शिक्षा प्राप्त की और बाद में गोरखपुर विश्वविद्यालय से बी.एड. और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री हासिल की। शादी के बाद वे मिर्जापुर आकर स्थायी रूप से बस गईं । अजीता श्रीवास्तव ने कजरी लोकगीतों को न सिर्फ मिर्जापुर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय बनाया।
शिक्षण करियर और संगीत सेवा :
अजीता श्रीवास्तव ने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो, वाराणसी से अपने गायन करियर की शुरुआत की। इसके अलावा, वे ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, संगीत नाटक अकादमी, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और कई सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों के साथ जुड़ी रहीं। 2017 में, वे आर्य कन्या इंटर कॉलेज से बतौर लेक्चरर 40 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुईं। इसके बाद, उन्होंने कजरी लोकगीतों के प्रचार-प्रसार में अपना पूरा समय समर्पित कर दिया।
पुरस्कार और सम्मान :
2022 में उन्हें भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। इसके अलावा, 2017 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कार उनके नाम हैं। अजीता श्रीवास्तव के निधन से मिर्जापुर और कजरी संगीत प्रेमियों में शोक व्याप्त है। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।