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ग्रामीणों ने गैर डांडिया नाच का आयोजन किया, शोध कर्ता हुए भाव विभोर

RNE, MARWAR-MUNDWA (NAGAUR) .

सृष्टि फाऊंडेशन के द्वारा आयोजित 51 वीं शोध यात्रा देवनगरी अतुसर (ताऊसर) पहुंचने पर ग्रामीणों के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं ने ग्रामीणों से चर्चा करके समस्याओं का समाधान करने हेतु उपाय बताएं और जितने भी नवाचार है उनको अधिक से अधिक प्रचारित करने का संदेश दिया।

उनके द्वारा हमारी सांस्कृतिक धरोहर को अक्षुण बनाए रखने हेतु ग्रामीण द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की गई। इस अवसर पर देवनगरी अतुसर और आसपास के गांव के ग्रामीणों ने अपनी पहचान गैर डांडिया नृत्य का आयोजन किया

जिसे देखकर आए हुए शोध कर्ता भाव विभोर हो गए। पद्मश्री डॉ. अनिल गुप्ता के द्वारा ढोल वादकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।साथ ही इस अवसर पर स्थानीय गांव के अध्यापक राजाराम टाक के द्वारा बनाए गए सौरमंडल के मॉडल का प्रदर्शन किया गया। साथ ही श्रवण कुमार सोनी और प्रेमचंद सांखला के द्वारा कैनवास, कागज पेपर और पतले कपड़े पर बनाए गए चित्र तथा कोलाज कला की भी प्रदर्शनी लगाई गई।

शिक्षक एवं कलाकार श्रवण कुमार सोनी ने बोन्साई कला के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की और कहा कि यदि प्रत्येक घर की छत व बालकॉनी में बोन्साई पौधे लगा दिए जाएं तो हर घर हरियाली-हर घर पर्यावरण” का ध्येय पूर्ण हो सकेगा तथा तापमान में अप्रत्याशित कमी आएगी। बोन्साई एवं चित्रों को देखकर सभी शोधकर्ताओं ने प्रशंसा की। प्रगतिशील किसान बजरंग लाल शर्मा, नंदकिशोर सोलंकी को भी सम्मानित किया गया।

शोधकर्ताओं की टीम के द्वारा सुभांगिनी इंटरप्राइजेज का भी अवलोकन किया गया। नागौर की सुप्रसिद्ध पान मैथी की महक से सभी शोधकर्ता प्रफुल्लित होकर इसकी पैदावार, बीज, जलवायु शर्तें, गीली व सुखी पान मैथी के बाजार भावों के बारे में रामकिशोर टाक से चर्चा की।

पद्मश्री डॉ. गुप्ता के द्वारा स्थानीय अध्यापक सुरेश टाक को विद्यालय हेतु नवीन नवाचारों युक्त बुकलेट और ग्लोब भेंट किया। बालकिशन भाटी ने कार्यक्रम की भूमिका बनाते हुए अपने आस पास प्रचलित सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों पर प्रकाश डाला।

यात्रा के स्थानीय संयोजक कृष्ण टाक ने सभी व्यवस्थाओं का मार्गदर्शन करते हुए आभार ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम के निमित्त आनंद सिंह कच्छावा, पुखराज टाक, भंवरलाल, मंगाराम, रामकिशोर, राजाराम, विजय, कालूराम सोलंकी, रामकुमार भाटी, सतीश टाक, सुरेश भाटी, सुनील सांखला, कार्तिक भाटी, रामसिंह गहलोत और अनेक ग्रामीण और बच्चों के साथ साथ महिला शक्ति का भी सहयोग रहा।