
हनुमान का आरोप : सरकार के पास जनहित याचिकाओं की अवमानना का रिकॉर्ड ही नहीं
RNE, NETWORK.
शुक्रवार को लोक सभा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा उच्चतम न्यायालय व राजस्थान उच्च न्यायालय में दस वर्षों से अधिक लंबित मामलों तथा जनहित याचिकाओं की अवमाननाओं से जुड़ा सवाल पूछा गया जिस पर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लिखित जवाब देते हुए कहा कि द्वारा दिए 31 दिसंबर 2024 तक के रिकॉर्ड के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय में 1,19,906 मामले ऐसे है जो 10 वर्षों से लंबित है ।
वहीं भारत के उच्चतम न्यायालय में ऐसे मामलों की संख्या 7178 है,वहीं विधि एवं न्याय मंत्री को सांसद हनुमान बेनीवाओ ने विगत पांच वर्षों में न्यायालयों द्वारा जनहित याचिकाओं से जुड़े मामलों के अवमानना से जुड़ी जानकारी पूछी गई तो यह बताया गया कि जनहित याचिकाओं से जुड़े मामलों में अवमानना से जुड़े प्रकरणों का विवरण ही नहीं रखा जाता।
यह कहा सांसद ने
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा किन्याय में देरी करना, न्याय से वंचित करने के बराबर है ऐसे में किसी भी पीड़ित को त्वरित न्याय मिले इसके लिए सरकारों को व्यापक प्रयास करने चाहिए वहीं बेनीवाल ने कहा कि जनहित याचिका जनता से जुड़ी होती है और जनहित याचिकाओं के निर्णय की मोनिटरिंग नहीं करने व अवमानना का रिकॉर्ड संधारित नहीं करने से जनहित याचिकाओं के निर्णय प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाते ,ऐसी स्थिति चिंताजनक है।
सरकार को इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है ,बेनीवाल ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री ने तो यह कह दिया कि भारत के उच्चतम न्यायालय व राजस्थान उच्च न्यायालय के हवाले से कहा कि अवमानना से जुड़ा विवरण नहीं रखा जाता मगर आजादी के दशकों बाद सरकार ने ऐसा कोई निगरानी तंत्र नहीं बनाया है जो अवमानना से जुड़ा विवरण रख सके जो दुर्भाग्यपूर्ण है,बेनीवाल ने कहा कि सरकार को इस विषय पर सोचने की जरूरत है।