हरियाणा हॉट सीट : ब्रजभूषण के बयानों की प्रतिक्रिया, मंत्री चुनने का जुनून
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हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब हर दिन गर्माहट आ रही है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र के रूप में गारंटियों को जारी कर बड़ा दाव खेला है। फ्री बिजली, ओपीएस, ओल्ड एज पेंशन, एमएसपी आदि की गारंटी जनता को लुभाने के लिए उनकी मनोदशा को पढ़कर की है। अब भाजपा भी उसी तर्ज पर संकल्प पत्र तैयार कर रही है।
हरियाणा चुनाव में यूं तो कई सीटें इस बार हॉट मानी जा रही है। भूपेंद्र हुड्डा, नायब सिंह सैनी, दुष्यंत चौटाला, बंसीलाल के परिवार की सीट, उदयभान की सीट आदि चर्चा में है। मगर सबसे ज्यादा जिस सीट की चर्चा हरियाणा व पूरे देश में है, वह है जुलाना सीट की। ये सीट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा पाये हुए है।
विनेश फोगाट की है चर्चा
इस सीट पर कांग्रेस ने हाल ही के पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल से डिस्क्वालिफाई हुई रेसलर विनेश फोगाट को उतारा है। फोगाट 2 साल से चर्चा में है। उस समय के कुश्ती महासंघ अध्यक्ष व भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ जिन महिला पहलवानों ने मोर्चा खोला, उसमें विनेश भी थी।
जंतर मंतर पर धरना, पुलिस द्वारा उन्हें घसीटना, मेडल वापस करना आदि की घटनाएं लोग और खासकर हरियाणा के लोग अभी तक नहीं भूले हैं। इस दर्द को पेरिस ओलंपिक ने बढ़ा दिया और दोषी लोग भाजपा व केंद्र सरकार को मानने लगे। उसका गुस्सा चुनाव में साफ दिख रहा है।
विनेश के नाम की धमक कमोबेश हरियाणा की हर सीट पर है और खापें भी उसके साथ है। कांग्रेस ने इस वजह से ही विनेश को स्टार प्रचारक भी बनाया है।
जुलाना क्यों चुना
विनेश के लिए जुलाना सीट चुनने की भी खास वजह है। ये हलका उसका ससुराल है और यहां पहलवान खूब है। इस सीट पर 20 साल से कांग्रेस नहीं जीती है। पिछला चुनाव भी जेजेपी ने यहां से जीता था। कांग्रेस ने इस कारण ही इस सीट पर मास्टर स्ट्रोक लगाया है। समस्याग्रस्त इस इलाके के पिछड़ेपन को कांग्रेस ने उभारा है।
जातीय गणित
इस सीट पर जाटों का बाहुल्य है और वे किसान आंदोलन व पहलवानों के कारण भाजपा से नाराज है। खापों ने पेरिस से लौटने पर विनेश को अपनी तरफ से सोने का मेडल दिया। खापों का यहां वर्चस्व है। ब्राह्मण, एससी मतदाता भी अधिक है, जो जाटों के साथ है। विनेश के पक्ष में बहु होने व सहानुभूति होने के कारण जातीय सीमा टूटी है। यहां वे कांग्रेस को नहीं, विनेश को देख रहे हैं।
दलीय सीमाएं टूटी
जो पहले भाजपा, जेजेपी, इनेलो के नेता व कार्यकर्ता थे, वे खुलकर विनेश के साथ है। उनका कहना है कि हमें कांग्रेस से नहीं, विनेश से मतलब है। ब्रजभूषण सिंह के बयानों से खासे नाराज है लोग। विनेश को उसका ज्यादा फायदा मिल रहा है।
किसान, पहलवान भी मैदान में
किसान नेता व पहलवानों सहित अन्य खेलों के खिलाड़ी जो राजनीति में सीधे नहीं आते, वे भी विनेश के कारण मैदान में है। उनका टारगेट भी कांग्रेस नहीं विनेश का पक्ष है।
मंत्री का चुनाव
पहले दिन से कांग्रेस ने यहां माहौल बनाया है कि जुलाना इस बार विधायक नहीं, खेल मंत्री चुनेगा। ये बात भी असर डाल रही है। नामांकन दाखिल करने के दिन सांसद दीपेंद्र हुड्डा व सतपाल ब्रह्मचारी भी आये, उन्होंने भी यही स्वर बोले।
भाजपा ने बैरागी को उतारा
भाजपा ने यहां से निजी विमान कम्पनी के एक पायलट कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा है। युवा है, मगर उन पर बाहरी होने का ठप्पा चस्पा किया जा रहा है। ओबीसी वोट बैंक को देखते हुए भाजपा ने उनको उतारा है। जेजेपी मैदान में तो है मगर उसे भाजपा सरकार का पिछली बार साथ देने का खमियाजा उठाना पड़ रहा है।
रोचक है चुनाव
चुनावी मैदान में विनेश का बोलबाला दिखता है। मगर असलियत क्या है ये तो चुनाव परिणाम से पता चलेगा। परिणाम कुछ भी हो मगर जुलाना इस समय देश की सबसे चर्चित सीट बनी हुई है।