शास्त्रीय के साथ लोक का प्रयोग : तबला पखावज के बीच सुनाई देगा ‘डफ’
आरएनई, बीकानेर।
होली ऐसा त्योहार है जिसके रंग में सब रंग जाते हैं और श्रीकृष्ण ऐसे रसिया है जिनकी भक्ति में श्रीमदशन्कराचार्य जैसे भक्त भी सगुण उपासक हो जाते हैं। भक्ति और मस्ती कब एकाकार हो जाती है, पता ही नहीं चलता। कुछ ऐसा ही अहसास इस बार होली के मौके पर हवेली गायक पं. नारायण दास रंगा भी करवाने जा रहे हैं। अदायगी के अपने अंदाज के लिए देशभर के संगीत प्रेमियों में अपनी खास पहचान रखने वाले रंगा होली पर खास पेशकश के रूप में लाये हैं “अँखियाँ गुलाबी कर डारी…।”गौरतलब है कि पं. नारायण दास रंगा शास्त्रीय गायक पं. मोतीलाल रंगा के शिष्य व पुत्र है। उनकी हर प्रस्तुति से सुधि श्रोता एक खास उम्मीद रखते हैं। इस बार भी “अँखिया…” से ऐसी ही उम्मीद है। गीत को वीडियो के साथ लांच किया गया है। रोचक बात यह है कि इस वीडियो में खुद रंगा टीम के साथ कैमरे के सामने आए हैं।
यह गीत राग -देश सारंग, ताल कहरवा में है। संगीत -तुषार के व्यास ने दिया है। संगीत अरेंजमेन्ट पं. चंद्रेश दिवाकर ने किया है। रिदम में तबला,पखावज,डफ,राम ढोल आदि का उपयोग प्रमोद कुमार व्यास (मंटू) ने किया है। नगाड़ा पर प्रेम सागर ने संगत दी है। वीडियो तुषार के व्यास द्वारा बनाया गया है। वीडियो में नारायण दास रंगा के साथ कलाकार पं.सुनील व्यास, चन्द्र गोपाल पुरोहित आदि नृत्य करते हुए नजर आ रहे हैं।कोरस की भूमिका सारिका पुरोहित (सारी दुनिया), जैजैवंती आचार्य, दीपिका प्रजापत,शिवन्या आचार्य, गनिष्का दुजारी, अक्षरा पुरोहित ने निभाई है।
फर्स्ट लुक और प्रस्तुति से आश्वस्त हुआ जा सकता है कि हर बार कि तरह इस बार भी वे संगीत प्रेमियों की “कुछ अच्छा सुनने” की साध को पूरी करेंगे।