हिंदी पट्टी से कांग्रेस का वर्चस्व खत्म होने के कगार पर
आरएनई,नेशनल ब्युरो।
सत्ताधारी कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग को लेकर बुधवार को हिमाचल में बड़ा हंगामा हो गया। मंत्री और विधायकों की नाराजगी के बीच हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस शाम तक नए नेता का चयन कर सकती है। पार्टी ने विधायकों से बातचीत के लिए ऑब्जर्वर्स भेजे हैं।
हिंदी पट्टी से कांग्रेस का वर्चस्व खत्म होने के कगार पर
हिंदी पट्टी से कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व पूरी तरह खत्म होने के कगार पर है। एक मात्र राज्य हिमाचल प्रदेश जहां अभी कांग्रेस की सरकार है वहां भी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले विधायकों की लिस्ट में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का भी नाम है।
सस्पेंड होने वाले 15 भाजपा
विधायकों में जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर शामिल हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने रोते हुए दिया इस्तीफा
कुछ देर पहले ही कांग्रेस सरकार में मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने रोते हुए अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया और कहा “मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैंने पार्टी आलाकमान को वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया है। अब गेंद पार्टी आलाकमान के पाले में है, उन्हें तय करना है कि आगे की रणनीति क्या होगी। लेकिन मुझे जो कहना था वह बहुत स्पष्ट और स्पष्ट था। यह बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। आने वाले समय में जो भी होगा वह पार्टी आलाकमान के साथ विचार-विमर्श करके किया जाएगा। मुझे यकीन है कि जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा।”
बता दें कि ये संकट मंगलवार को उस समय आया जब सत्ताधारी कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। इस वजह से भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के जाने-माने चेहरे अभिषेक मनु सिंघवी को हराया दिया। आज सुबह पूर्व सीएम और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर भी गवर्नर शिव प्रताप शुक्ला से मिले जिसके बाद से सियासी हलचल और तेज हो गयी और विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार कर दिया।