मुकेश भाकर सस्पेंड, कांग्रेस विधायक विधानसभा में ही धरने पर बैठे, जूली बोले-रात को यहीं रहेंगे
- मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे को पुराने नियमों से एएजी बनाने के आरोप के बाद शुरू हुआ हंगामा
RNE, state Bureau
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को शुरू हुआ हंगामा धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। अध्यक्षीय आदेश के बाद मार्शल ने निलंबित किये गये विधायक मुकेश भाकर को उठाकर बाहर ले जाने की कोशिश की तो कांग्रेस के बाकी विधायक उसके आस-पास जुट गये। आरोप है कि मार्शलों से धक्कामुक्की में महिला विधायक अनिता जाटव की चूड़ियां टूट गई। कलाइयों में खरोंचे आ गई।
वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा के गिरने और चोट लगने का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है। घटना के बाद कांग्रेस के विधायक नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अगुवाई में विधानसभा में ही धरना देकर बैठ गये हैं। इनका कहना है, जब तक निलंबन वापस नहीं होगा और न्याय नहीं होगा हम धरने पर रहेंगे।
दरअसल सोमवार को हंगामा तब शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि जब देश में नए कानून लागू हो गए हैं उसके बाद राजस्थान सरकार ने जुलाई महीने में ही 12 सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। यह नियुक्ति पुराने कानूनों यानी सीआरपीसी की धाराओं मंे की गई है जब ये कानून अब अस्तित्व में ही नहीं है। ऐसे में यह नियुक्ति गैर कानूनी हो जाती है। इन 12 वकीलों में एक मंत्री का बेटा भी है।
इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। जूली बोल रहे थे तो सत्तापक्ष के कई सदस्य उठकर खड़े हो गए। ऐसे मंे कांग्रेस के भी कई सदस्य उठकर बोलने लगे। अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और जूली के बीच भी नोक-झोंक चली। आखिरकार हंगामा इतना बढ़ कि अध्यक्ष देवनानी पूरी तरह तैश में आ गये।
अध्यक्ष देवनानी ने मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग की ओर से रखे गए प्रस्ताव के साथ ही कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सस्पेंड करने का निर्णय सुना दिया। इसके बाद हंगामा ज्यादा बढ़ गया। सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित करने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस विधायक धरने पर बैठ गये।