आदेश : कार्यवाहक प्रिंसिपल भानुप्रिया एपीओ, ग्रामीण बोले सस्पेंड करो
RNE Bikaner-ShriGanganagar.
तीन दिन से स्कूल का तालाबंद कर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स और ग्रामीणों को जब लगा कि स्थानीय अधिकारी मांग मानने को तैयार नहीं है तो उन्होंने पैदल ही बीकानेर शिक्षा निदेशालय की ओर कूच कर दिया। लगभग 15 किमी का फासला तय कर लिया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जयपुर तक खबर पहुंची और आनन-फानन में सीनियर सैकंडरी स्कूल की कार्यवाहक प्राचार्य को एपीओ करने का आदेश जारी हुआ।
इतना ही नहीं स्कूल में हाथोंहाथ स्थायी प्रिंसिपल नियुक्त करने का आदेश भी दे दिया। इसके बाद हालांकि बीकानेर पैदल मार्च तो रोक दिया लेकिन ग्रामीण-स्टूडेंट अब भी इस बात पर अड़े हैं जिस की कार्यवाहक प्रिंसिपल को एपीओ किया है उसे सस्पेंड किया जाए।
मामला क्या है :
दरअसल श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ के मालेर गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर तीन दिन से तालाबंद कर ग्रामीण स्टूडेंट धरने पर थे। मांग नहीं मानी गैर तो अभिभावक और बच्चे पैदल ही बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय की ओर रवाना हो गए। लगभग 15 किमी सफर तय हो गया तो जयपुर तक खबर गई और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
अधिकारी मौके पर पहुंचे, हथोहाथ ऑर्डर :
ग्रामीणों का बीकानेर कूच शुरू होते ही प्रशासन में हड़कंप का असर यह हुआ कि अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजी गई। इस टीम में एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, डीएसपी प्रतीक मील, सीडीईओ पन्नालाल कड़ेला, तहसीलदार हाबुलाल मीणा आदि शामिल रहे। शिक्षा विभाग ने भी हथोहाथ ऑर्डर जारी कर कार्यवाहक प्रिंसिपल भानुप्रिया गहलोत को एपीओ कर दिया है। इतना ही नहीं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल लगाने के आदेश भी कर दिये। तब जाकर आंदोलन शांत हुआ।
सस्पेंड करने की मांग :
जिस कार्यवाहक प्राचार्य भानुप्रिय गहलोत को एपीओ किया गया है, ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें सस्पेंड किया जाए। आरोप है कि पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ जांच हुई थी, लेकिन उसे दबा दिया गया। अब वे चाहते हैं कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।