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चुनावी नियुक्ति : सीआर चौधरी, जसवंत बिश्नोई, रामगोपाल सुथार, ओमप्रकाश भडाना, प्रेमसिंह बाजौर, प्रहलाद टाक, राजेन्द्र नायक

RNE, NETWORK.

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले राजस्थान में भाजपा की भजनलाल सरकार ने सात नेताओं को बड़ी राजनीतिक नियुक्ति दी है। राजनीतिक तौर पर देखा जाएं तो इन सभी नेताओं को किसी न किसी कारण से लोकसभा चुनाव के लिहाज से साधा गया है।

सबसे पहले जानें किसे, क्या बनाया :

पूर्व सांसद और नागौर के कद्दावर जाट नेता सीआर चौधरी को किसान आयोग अध्यक्ष, जोधपुर से पूर्व सांसद जसवंत बिश्नोई को जीव-जंतु कल्याण बोर्ड, बीकानेर में भाजपा के पूर्व देहात अध्यक्ष रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड अध्यक्ष बनाया गया है।

गुर्जर नेता ओमप्रकाश भडाना को देवनारायण बोर्ड, पूर्व विधायक एवं सीकर-शेखावाटी के प्रभावशाली नेता प्रेमसिंह बाजौर को सैनिक कल्याण सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रहलाद टाक को माटी कला बोर्ड और राजेन्द्र नायक को एससी वित्त निगम अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है।

सी.आर.चौधरी :

नागौर में ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारने के बाद से ही भाजपा का अपना कार्यकर्ता और पदाधिकारी संतुष्ट नहीं है। इसके साथ ही मिर्धा परिवार के सदस्यों को पार्टी में शामिल करने से वे कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं जो सालों से इनके खिलाफ लड़कर पार्टी की जमीन बनाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं सी.आर.चौधरी ने इस चुनौती वाली सीट पर लड़कर भाजपा को जीत दिलाई थी। एक जीत के बाद दूसरी बार हनुमान बेनीवाल से समझौता कर टिकट उसे दे दिया गया। अबकी बार कांग्रेस आई ज्योति मिर्धा को मैदान में उतार दिया। ऐसे मंे सी.आर.चौधरी सहित भाजपा का मूल कैडर काफी अनमना है। इसी स्थिति को संभालने के लिए चौधरी को नियुक्ति दी गई है।

प्रेमसिंह बाजौर:

पूर्व विधायक प्रेमसिंह बाजौर चुनाव जीते या हारे अपने इलाके में मजबूत नेता माने जाते हैं। सीकर में सुमेधानंद सरस्वती को फिर उतारने के साथ ही भाजपा मंे विधानसभा चुनाव के नतीजों से चिंता है। ऐसे में बाजोर को नियुक्ति देकर राजपूत वोटर्स को संदेश दिया गया है कि उनका पार्टी में पूरा सम्मान है।

रामगोपाल सुथार : क्योंकि 24 सीटों पर एक भी टिकट नहीं

बीकानेर देहात भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामगोपाल सुथार की नियुक्ति में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का बड़ा हाथ माना जाता है। दरअसल भाजपा की ओर से बनाये गए बीकानेर क्लस्टर में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिले आते है। इन चार जिलों में विधानसभा की कुल 24 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा उठा था कि 24 में से एक भी सीट पर मूल ओबीसी के व्यक्ति के टिकट नहीं दिया। श्रीडूंगरगढ़ में पहले किसनाराम नाई भाजपा के कैंडीडेट होते थे। अब उनकी जगह रामगोपाल सुथार ने टिकट मांगा लेकिन ताराचंद सारस्वत को दिया गया। उस वक्त सुथार को आश्वस्त किया गया था कि पार्टी उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करेगी।

जसवंत बिश्नोई : जोधपुर में गजेन्द्रसिंह की राह आसान करने की कोशिश

जोधपुर से पूर्व सांसद जसवंत बिश्नोई लंबे समय से अनमने या असंतुष्ट चल रहे हैं। जोधपुर में भाजपा के मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत के सामने जिस तरह विरोध उभर रहा है उसे देखते हुए बिश्नोई वोट को साधने की जरूरत भी समझी जा रही है। ऐसे में जसवंतसिंह को ऐन चुनाव से पहले साधा गया है।

राजेन्द्र नायक : एससी में जातिगत समीकरण साधना

दरअसल एससी वर्ग में टिकट देने की जब भी बात आती है तो मेघवाल समाज इसमें बाजी मार ले जाता है जबकि नायक भी कई सीटों पर वर्चस्व रखते हैं। खासतौर पर पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू, जोधपुर आदि सीटों पर इस समाज ऐसे में एससी के इस वर्ग को साधने के लिए चुनाव से ठीक पहले राजेन्द्र नायक को नियुक्ति देकर इस समाज को संदेश दिया गया है। इसी तरह देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाना को बनाकर गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की गई है। प्रहलाद टाक को माटी कला बोर्ड अध्यक्ष बनाना भी बड़ी तादाद में भाजपा का वोटबैंक माने जाने वाले मूल ओबीसी को साधा गया है।