अर्थ प्रधान दुनियां हो गई जिसमें उच्च परम्पराएं, मर्यादाएं बहुत पीछे छूट गई है : अतिरिक्त संभागीय आयुक्त
RNE, BIKANER .
जयनारायण व्यास कॉलोनी में स्थित जाम्भाणी साहित्य अकादमी में बुधवार का पंच दिवसीय संस्कार शिविर का शुभारंभ पधारे हुए अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि के रूप में शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ओमप्रकाश बिश्नोई ने कहा कि वर्तमान समय में ऐसे शिविरों की महती आवश्यकता है।
समाज में नैतिक मूल्यों को कायम रखने बहुत बड़ी चुनौती है,आज समय बहुत बदल गया है। अर्थ प्रधान दुनियां हो गई जिसमें उच्च परम्पराएं, मर्यादाएं बहुत पीछे छूट गई है। सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि अविभावकों के पास अपने बच्चों के उत्तम संस्कारों को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए समय नहीं है। ऐसे में जाम्भाणी साहित्य अकादमी जैसी समाजसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि नितिन गोयल निदेशक राजस्थान राज्य अभिलेखागार ने कहा की हमारे विभाग में सैंकड़ों साल पुराने दस्तावेजों को हम देखते हैं तो हमें हमारे बुजुर्गों पर गर्व होता। हमें उस परम्परा को बचाकर रखना है। गुरु जाम्भोजी का पर्यावरणीय चेतना का संदेश जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। आज बच्चे ठान लें पर्यावरण की समस्या भविष्य में समापन हो सकती है। कार्यक्रम के संयोजक और अकादमी के उपाध्यक्ष राजाराम धारणियां ने सबका स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सरस्वती बिश्नोई ने की। अकादमी के महासचिव विनोद जम्भदास ने शिविर की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके महत्व और आवश्यकता के बारे में बताया।
इस अवसर पर मोहनलाल लोहमरोड़ बीडीओ, ओमप्रकाश गोदारा, सेवानिवृत्त एएसपी जीवनराम गोदारा व सोहनराम सिहाग, सोहनलाल ईसरवाल, डॉ लालचंद बिश्नोई, डॉ कृष्णलाल बिश्नोई, ठेकेदार बुधराम सहारण, शशि बिश्नोई, तारा बिश्नोई शिवराज खीचड़, सहीराम खीचड़, रामस्वरूप खीचड़, सुभाष बिश्नोई, रामसिंह कस्वां, हरिराम खीचड़, पृथ्वीसिंह बैनीवाल, विष्णु थापन,बस्ती राम डूडी आदि मेहमानों ने पधारकर बच्चों को पाथेय प्रदान किया। शिविर प्रभारी डॉ हरिराम सिहाग ने मंच संचालन किया। इस शिविर में दो सौ बच्चे भाग ले रहे हैं।