डूंगर महाविद्यालय में “सामाजिक कल्याण योजनाओं का महिलाओं पर प्रभाव’ विषय पर व्याख्यान
आरएनई,बीकानेर।
संभाग के सबसे बड़े राजकीय महाविद्यालय डूंगर महाविद्यालय में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के निर्देशानुसार महिला प्रकोष्ठ के वार्षिक कार्य योजना के तहत आयोजित व्याख्यान माला कार्यक्रम के अंतर्गत “सामाजिक कल्याण योजनाओं का महिलाओं पर प्रभाव’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राचार्य प्रो. दिग्विजय सिंह ने अतिथियों का स्वागत करने के उपरान्त विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि हमारे देश में समाज कल्याण विभाग एक बहुत सशक्त विभाग है।बीकानेर पूर्व की विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी के कार्यकाल में यहां की जनता सामाजिक कल्याण हेतु चलाई गई योजनाओं की लाभार्थी रही हैं। कार्यक्रम में बीकानेर पूर्व से निर्वाचित विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि भारत सरकार व राजस्थान सरकार की विविध सामाजिक कल्याण की योजनाएं हैं जिनमें से बहुत सी योजनाएं केवल बालिकाओं व महिलाओं के लिए हैं। हमें उनकी पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि हम उनका अधिकतम लाभ ले सकें।मुख्य वक्ता के रूप में गंगाशहर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. बबिता जैन ने समाज कल्याण विभाग की योजनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। आजादी से लेकर आज तक सामाजिक कल्याण हेतु प्रारंभ की गई योजनाओं की विवेचना करते हुए उन्होंने बताया कि समय-समय पर इन योजनाओं में स्थिति व काल के अनुसार परिवर्तन किया जाता रहा है। “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी असंख्य लोकप्रिय योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने समझाया कि ये योजनाएं किस प्रकार महिलाओं के उत्तरोत्तर विकास के लिए अत्यधिक प्रभावशाली हैं।महाविद्यालय की बालिकाओं का कर्तव्य है कि वे स्वयं भी इन योजनाओं से लाभान्वित हों तथा अपने संपर्क में आने वाले जरूरतमंद व्यक्तियों को इनका उचित लाभ मिल सके, इस हेतु प्रयास करें। प्रो.अनिला पुरोहित तथा प्रो. सुनीता गोयल द्वारा लिखी गई पुस्तकें अतिथियों को भेंट स्वरूप प्रदान की गई। महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका प्रो.सोनू शिवा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हमारे लिए चलाई जाने वाली योजनाओं के प्रति हम सबको जागरूक होना चाहिए। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन प्रो. सुनीता गोयल तथा निधि शर्मा ने किया। महाविद्यालय की समस्त महिला संकाय सदस्याओं ने तथा छात्राओं ने कार्यक्रम में भागीदारी की।