हंगामा : जेठानंद के आरोपों पर पारीक को आपत्ति, सभापति जीनगर ने खारिज की
- कल्ला का नाम लिये बगैर कहा, पूर्वमंत्री की शह पर लक्ष्मीनाथजी, शीतलामाता मंदिर के चारों ओर कब्जे हुए
- राजस्थान विधानसभा: जेठानंद के आरोपों पर राजेन्द्र पारीक ने आपत्ति जताई, सभापति अर्जुनलाल जीनगर ने आपत्ति खारिज की
- पुजारियों का वेतन 05 से बढ़ाकर 30 हजार करने की मांग
- भीनासर मुरली मनोहर मंदिर, शीतला माता मंदिर, हनुमानजी मंदिर सियाराम गुफा की स्थिति सुधारें
RNE Network.
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को एक बार फिर बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास के आरोपों की चर्चा रही। व्यास ने आरोप देवस्थान विभाग की अनुदान मांग पर चल रही चर्चा में भागीदारी करते हुए नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर और शीतलामाता मंदिर के पास कब्जे होने का मामला उठाया। आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री की शह पर यहां पर कब्जे हुए हैं।
व्यास का आरोप, पारीक की आपत्ति :
‘पूर्वमंत्री’ शब्द का संकेत यूं तो सीधे बीकानेर पश्चिम से विधायक-मंत्री रहे डा.बी.डी.कल्ला की ओर था लेकिन इस बार एमएलए व्यास ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया। इसके बावजूद सदन में मौजूद वरिष्ठ विधायक एवं पूर्वमंत्री राजेन्द्र पारीक ने आपत्ति जताई। उन्होंने व्यास के आरोपों में लिये गये नाम को कार्रवाई से हटाने की मांग की। कहा, जो व्यक्ति सदन में मौजूद नहीं उस पर आरोप नहीं लगा सकते क्योंकि वह अपना स्पष्टीकरण देने को मौजूद नहीं है। सभापति के आसन पर मौजूद अर्जुनलाल जीनगर ने पारीक की इस आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें किसी का नाम नहीं लिया गया है। पूर्वमंत्री कोई भी हो सकता है।
लक्ष्मीनाथजी की सीढ़ियों, शीतला माता मंदिर की फेरी पर कब्जा:
जेठानंद व्यास ने आरोप लगाया कि बीकानेर का नगरसेठ माने जाने वाले लक्ष्मीनाथ मंदिर के चारों ओर कब्जे हो गये हैं। सीढ़ियों वाले रास्ते पर अतिक्रमण हो गया है। अगर मैं बात करूंगा तो सब नाराज होंगे कि हिन्दू मुसलमान की बात करते हो। वहां कब्जे करने वाले सभी मुसलमान है और पूर्वमंत्री ने वोट के लालच में उन्हें सहयोग किया है। इसी तरह शीतलामाता मंदिर के चारों और कब्जा कर लिया और यहां तक कि फेरी में भी खिड़कियां निकाल ली है।
राजेन्द्र पारीक की आपत्ति: सदस्य ने पूर्वमंत्री का नाम लिया!
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल व्यास के समर्थन में आये और बोले, किसी का नाम नहीं लिया। कुछ भी असंसदीय नहीं बोला।
सभापति अर्जुनलाल जीनगर ने भी आपत्ति को खारिज किया। कहा, कुछ असंसदीय होगा तो जांच करवा लेंगे। उन्हांेने किसी का नाम नहीं लिया है।
पुजारियों का मानदेय 05 से बढ़ाकर 30 हजार करें:
जेठानंद व्यास ने मंदिरों की दुर्दशा का मसला उठाते हुए कहा कोलायत सहित बीकानेर शहर और आस-पास के मंदिरों की हालत खराब है। पुजारियों को महीने के पांच हजार रूपए मिलते हैं। क्या कोई इतनी कम राशि में अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकता है। इसलिये पुजारियों का मानदेय 30 हजार किया जाए। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी का मानदेय भी बढाया। बीकानेर में 110 मंदिर देवस्थान के अंतर्गत आते हैं। सभी जीर्ण-शीर्ण हैं। पिछली सरकार का ध्यान दूसरे धर्मस्थलों पर गया लेकिन मंदिरों की तरफ नहीं गया।
इन मंदिरों की स्थिति खराब:
भीनासर का मुरली मनोहर मंदिर, शीतला माता मंदिर, हनुमानजी मंदिर सियाराम गुफा की स्थिति खराब है। कोलायत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इसकी मान्यता इतनी है कि हरिद्वार जाकर आने के बाद भी कोलायत जाना जरूरी होता है। वहां स्थिति ऐसी है कि देवस्थान के कई मंदिर ऐसे है जहां पुजारी नहंी ह। स्थिति खराब है। इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाए।