जेठानंद व्यास का आरोप: पूर्व मंत्री के रिश्तेदार बिजली कंपनी के कर्मचारी-ठेकेदार, जानबूझकर मुझे कर रहे बदनाम
- ऊर्जामंत्री नागर बोले- कमेटी बनाकर जांच करवाएंगे, अध्यक्ष देवनानी सहित कइयों ने किया हस्तक्षेप
RNE, Network.
राजस्थान विधानसभा में आज बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास की ओर से बिजली कंपनी के कामकाज पर लगाये गये आरोप क दौरान हंगामा हो गया। व्यास ने जहां पीपीपी मोड पर काम कर फ्रेंचाइजी कंपनी पर आरोप लगाया कि वहां पूर्वमंत्री (डा.बी.डी.कल्ला का नाम नहीं लिया) के रिश्तेदार और समर्थक बतौर कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उनके रिश्तेदार इस कंपनी में ठेकेदार बने हुए हैं। इस वजह से वे जानबूझकर मेरी राजनीतिक छवि खराब करने बिजली की बदइंतजामी कर रहे हैं।
जेठानंद व्यास के इस आरोप के साथ ही जहां सदन में शोरगुल हो गया वहीं कई विधायक विरोध भी करने लगे। सदन में हंगामा और शोरगुल इतना हुआ कि कई विधायकों ने जहां व्यास की बात पर व्यवधान किया वहीं ऊर्जामंत्री हीरालाल नागर बाकायदा इस मसले पर जवाब देने भी खडे हुए। मंत्री नागर ने कहा, इस पूरे मामले की जांच करने के लिये कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी देखेगी कि कंपनी ने अब तक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाएं देने के मामले में एमओयू का पालन किया है या नहीं। कहीं भी खामी मिली तो कार्रवाई होगी।
जेठानंद व्यास के बोलते ही हंगामा, ये लगाये आरोप:
दरअसल बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास को विधानसभा में फिर से चालू हुए पर्ची सिस्टम के जरिये बोलने का अवसर मिला था। उन्होंने शुरूआत की ‘लगता है बीकानेर मे मेरी जीत कांग्रेस को पच नहीं रही है…इतना कहते ही सदन में शोरगुल हो गया। इसके बाद वे सीधे आरोपों पर आ गये। बोले, बीकेईएसएल कंपनी है में जो कर्मचारी लगे हुए हैं वे कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री के रिश्तेदार-समर्थक हैं। बीजेपी का राज आने के बाद वे लगातार मुझे या पूरी जनता को डिस्टर्ब कर रहे हैं ताकि जनता जेठानंद और भाजपा का विरोध करें। व्यास के इस आरोप के साथ ही सदन में हंगामा बढ़ गया और बोलने से रोकने की कोशिश हुई लेकिन अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें अपनी बात जारी रखने का निर्देश दिया।
हंगामे के बीच उन्होंने कहा, आपके नेताजी के रिश्तेदारों ने बिजली कंपनी में ठेके ले रखे हैं। आप सुनने की हिम्मत रखिये। ये लगातार अव्यवस्था कर रहे हैं। एमओयू है कि जब एक घंटा से अधिक लाइट जाती है तो जेनरेटर के माध्यम से रोशनी देनी चाहिये लेकिन कंपनी ऐसा नहीं कर रही है। दस-दस घंटे लाइट चली जाती है। कई ऐसे इलाके है जहां फाल्ट नहीं रहने के बाद भी बत्ती गुल रहती है।
विजिलेंस में मनमानी, सरकारी कर्मचारी साथ रखें:
जो विजिलेंस की जा रही है उसमें भी मनमानी है। जिस घर में केवल दो व्यक्ति रहते हैं उनका सुबह छह बजे मीटर उखाड़कर ले जाते हैं। इसमें भी उनके आदमी (कल्ला समर्थकों पर इशारा) शामिल हैं। कहते हैं, हमे ऊपर से आदेश हैं। विजिलेंस में लोड स्वीकृत से ज्यादा लिख देते हैं। मेरी मांग है कि जब भी विजिलेंस हो तब एक सरकारी आदमी साथ होना चाहिए।
कंपनी से कहा, ऐसे लोगों को हटाओ:
एमएलए जेठानंद व्यास ने कहा, कंपनी को ऐसे लोगों को हटाना चाहिये जो राजनीति से प्रेरित हैं। या उन्हें समझाएं कि आम जनता के साथ राजनीति नहीं करें। ऊर्जामंत्री से मांग की, कंपनी एमओयू के हिसाब से नहीं चल रही है तो उस पर कार्रवाई करें।
मंत्री नागर बोले, नोटिस दिया, कमेटी से जांच करवाएंगे:
ऊर्जामंत्री हीरालाल नागर ने कहा, कंपनी को एक नोटिस जारी किया हुए है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। अब सदस्य ने राजनीति से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही एमओयू के अनुरूप काम नहीं होने की बात कही है। शिकायतें पहले भी आई हैं। ऐसे में अब कमेटी बनाकर जांच करेंगे। मंत्री नागर ने बताया कि बीकानेर के साथ ही कोटा, अजमेर, भरतपुर में भी एमओयू के मुताबिक कामकाज की जांच होगी।
भाजपा सरकार ने दिया था कंपनी को काम:
ऊर्जामंत्री नागर ने भी जवाब में माना कि फ्रेंचाइजी कंपनी को 16 मई 2017 को काम दिया गया था। गौरतलब है कि उस वक्त राज्य में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी। एमओयू उसी वक्त हुआ था। उसके बाद से ही लगातार कंपनी के कामकाज को लेकर राजनीतिक खींचतान हो रही है। जिस पूर्वमंत्री डा.बी.डी.कल्ला पर आरोप लगाये जा रहे हैं वे खुद कंपनी के कामकाज के खिलाफ धरने पर बैठे थे।
इस मामले में आनंद जोशी सहित कई कांग्रेसी नेताओं पर मुकदमे भी हुए थे। उस वक्त शांति धारीवाल ने कहा था, कांग्रेस की सरकार आते ही कोटा से कंपनी को साफ कर देंगे लेकिन एमओयू की शर्तों के आगे वे कुछ नहीं कर पाये। इसी तरह बी.डी.कल्ला भी मंत्री बनने के बाद कंपनी के कामकाज पर ज्यादा कुछ नहीं बोल पाये। अब सरकार बदलते ही एक बार फिर कंपनी के कामकाज और यहां कर्मचारियों की नियुक्ति और ठेके को लेकर राजनीति तेज हो गई है।