35 विभागों के खिलाफ रिट : देश के अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों के एक वकालतनामे पर, एक जैसे हस्ताक्षर
- सभी पीटीशनर्स को एक ही दिन रजिस्ट्रार के सामने दुबारा साइन करने का आदेश
आरएनई, नेटवर्क।
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधिपति एक सिविल रिट देखकर न केवल हैरान हुए वरन उस रिट पर दस्तखत करने वाले सभी 101 याचिकाकर्ताओं को एक ही दिन कोर्ट में पेश होकर दुबारा दस्तखत करने का आदेश तक दे डाला। सबको रजिस्ट्रार के सामने एक कागज पर दस्तखत करने होंगे। इनका रिट में किये गए हस्ताक्षरों से मिलान होगा। पूरे राजस्थान के न्याय जगत में यह आदेश चर्चा का विषय है।
मामला यह है :
राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधिपति दिनेश मेहता ने राजेंद्र सिंह चौहान व अन्य बनाम स्टेट आफ राजस्थान व अन्य एस.बी. सिविल रिट पिटीशन संख्या 4870/2024 की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट सुरेंद्र सिंह चौधरी को आदेश दिया कि दिनांक 15.4.2024 को सभी पीटिशनर्स को रजिस्ट्रार (ज्यूडिशियल) के समक्ष पेश करें।
एडवोकेट सुरेंद्र सिंह चौधरी ने सिविल रिट माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की व रिट के साथ एक ही वकालतनामे पर सभी 101 याचिकाकर्ता के हस्ताक्षर है। जबकि वे विभिन्न शहर व राज्य से हैं। न्यायालय ने कहा कि सभी हस्ताक्षर में हैंडराइटिंग समान है व एक ही पेन का इस्तेमाल किया हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में सभी पीटिशनर्स को रजिस्ट्रार (ज्यूडिशियल) के समक्ष अपने पहचान पत्र के साथ हाजिर होकर वकालतनामे पर किये हस्ताक्षर को ना देखते हुए अपने हस्ताक्षर करने व रजिस्ट्रार (ज्यूडिशियल) को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। आगामी तारीख पेशी को फ़ाइल को रिपोर्ट के साथ पेश होने का आदेश दिया है।
35 विभागों के खिलाफ दायर की याचिका :
दरअसल इस मामले में 101 लोगों की ओर से 35 विभागों के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इसमें वेतन वृद्धि या 01 जुलाई को होने वाले इनक्रीमेंट से पड़ने वाले प्रभाव पर राहत मांगी गई है। याचिका दायर करने वालों में राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, अलवर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बारां, नागौर, चुरू, पाली, श्रीगंगानगर आदि जिलों के साथ ही हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक के निवासी शामिल हैं।