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लगभग सभी जिलों में बदल जाएंगे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, प्रदेश में भी नई टीम के उभरने की तैयारी लगभग पूरी

भाजपा के प्रति जो सॉफ्ट नेता है उनको दिखाएंगे घर का रास्ता
अधिक उम्र के नेताओं को भी दिया जायेगा आराम
युवाओं और महिलाओं के हाथ में आती दिख रही है कमान
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.
 

कांग्रेस में इन दिनों ज्यादा ही सक्रियता है। हर जिले में एआईसीसी के ऑब्जर्वर घूम रहे है और लोगों के साथ साथ पात्ति पदाधिकारियों, नेताओं , जन प्रतिनिधियों से भी मिल रहे है। बुद्धिजीवियों, पत्रकारों से भी अलग से अकेले में मुलाकात कर रहे है। ये ऑब्जर्वर्स वास्तव में रायशुमारी कर रहे है।
 

ऐसा नहीं है कि पार्टी की तरफ से संगठन चुनाव के लिए पहली बार ऑब्जर्वर्स आये हों, ये तो प्रायः आते ही है। मगर इस बार बात खास है, यह उनकी गतिविधियों से पता चल रहा है। पहले ऑब्जर्वर्स आते थे। उस जिले के बड़े नेता के मेहमान बनते थे। उसकी सेवा होती थी और वे जैसा चाहते, उनकी ईच्छानुसार ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट बन जाती थी। उनकी पसंद का ही जिलाध्यक्ष बन जाता था।
 

इस बार अंदाज है निराला, अलहदा:
 

कांग्रेस के ऑब्जर्वर्स का अंदाज इस बार निराला और अलहदा है। सबसे बड़ी बात ये है कि उन पर जिले के बड़े नेताओं का कोई असर ही नहीं पड़ रहा है। क्योंकि वे उनके मेहमान ही नहीं है। सेवा भी नहीं करा रहे। जाहिर उनके कहे अनुसार रिपोर्ट भी नहीं बनाएंगे।
 

ये ऑब्जर्वर्स अपने स्तर पर लोगों से मिल रहे है। हरेक से आवेदन ले रहे है। बड़े नेताओं से एक बार बैठक भर कर रहे है। बड़े नेताओं को भी इस बात का डर है कि यदि दबाव की कोशिश की तो बात सीधे राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे जी तक पहुंचेगी और स्थिति बिगड़ भी सकती है।
 

इस बार ऑब्जर्वर्स की बैठक जयपुर में नहीं, दिल्ली में हुई है। इनको गाइड लाइन भी राहुल व खड़गे जी ने दी है। रिपोर्ट भी उनको ही देनी है। फिर राज्य के नेताओं से क्यों उलझें। नेता भी इसी कारण नहीं उलझ रहे। इस बार जिलाध्यक्षों की घोषणा भी दिल्ली से ही होनी है। प्रदेश अध्यक्ष तक की इसमें कोई भागीदारी नहीं है। उसे भी सिफारिश का अधिकार इस बार तो नहीं है।
 

लगभग सभी बदल जायेंगे:
 

कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों की जानकारी के अनुसार इस संगठन सृजन अभियान में लगभग सभी जिला अध्यक्ष बदल जायेंगे। पार्टी जिला स्तर पर भी बदलाव चाहती है ताकि सक्रियता रहे। प्रदेश में नई टीम उभरेगी, यह तो लगभग अब तय है। उसी की पूरी तरह से कवायद हो रही है।
 

भाजपा के प्रति सॉफ्ट तो तरजीह नहीं:
 

कांग्रेस ने गुजरात के बाद लगभग सभी राज्यो को यह निर्देश दे दिया था कि जो नेता भाजपा के प्रति सॉफ्ट है, उनको घर भेजना है। उस आदेश की परिणीति संगठन सृजन अभियान में दिखाई देगी। भाजपा पर जो नेता आक्रमण नहीं करते। उनको लेकर सॉफ्ट रहते है। ऐसे सभी नेताओं को बाहर का रास्ता यानी घर का रास्ता दिखाया जायेगा।
 

अधिक उम्र वालों को देंगे आराम:
 

संगठन में अब अधिक उम्र के नेताओं को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। उनको मार्गदर्शन के लिए साथ रखा जायेगा। पदों पर उनकी नियुक्तियां नहीं होगी। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे नेताओं को साथ अवश्य रखा जायेगा उनको पूरा सम्मान दिया जायेगा। 
 

युवाओं - महिलाओं को तरजीह:
 

संगठन में युवाओं व महिलाओं को विशेष तरजीह मिलेगी। इस पर सभी ऑब्जर्वर्स वर्किंग फील्ड में कर रहे है। उसका परिणाम भी नजर आ रहा है। जिला अध्यक्ष के लिए जो आवेदन कर रहे है उनमें 70 फीसदी युवा है, महिलाएं भी इनमें शामिल है। इससे यह भी स्पष्ट है कि कांग्रेस संगठन की कमान अब युवाओं के हाथ मे रहेगी।

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