कार-बाइक से स्टंट कर देगा इस सुविधा से वंचित, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अगर तेज रफ्तार और मोटरसाइकिल पर स्टंट करने वाले लोगों के बारे में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने चेताया कि अगर लापरवाही से वाहन चलाते है तो उनको बीमार के रूप में मिलने वाली सुविधाओं से हाथ धोना पड़ सकता है। तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर इंश्योरेंस का फायदा नहीं मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि अगर किसी व्यक्ति की मौत लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण होती है, तो बीमा कंपनी उसके परिजनों को मुआवजा देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है।
मामला कर्नाटक के एन एस रविशा से जुड़ा है, जो जून 2014 में अपनी कार से पिता, बहन और बच्चों को शहर ले जा रहे थे। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, रविशा तेज गति और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हुए गाड़ी चला रहे थे। कंट्रोल खोने के कारण उनकी गाड़ी पलट गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रविशा के परिजनों ने 80 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इससे वंचित रहना होगा। इसलिए वाहनों पर स्टंट नहीं करना चाहिए। इससे उनको आर्थिक के साथ जानी नुक्सान हो सकता है।
मुआवजे से किया था इनकार
मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल ने रविशा के परिजनों की मुआवजे की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने कहा कि मृतक के परिजनों को यह साबित करना होता है कि दुर्घटना उसकी गलती से नहीं हुई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि हादसे के लिए रविशा खुद जिम्मेदार थे, इसलिए उनके परिजन बीमा कंपनी से मुआवजे के हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में बीमा कंपनी पर पेमेंट की कोई बाध्यता नहीं बनती है।