ChandraGrahan : पंडित जितेंद्र आचार्य से जाने ग्रहण-सूतक के दौरान अपने और परिवार के कल्याण के लिए क्या करें, क्या न करें!
RNE Bikaner-Kolkata.
साल का अंतिम चंद्रग्रहण आज यानी 07 सितंबर 2025 को है। यह ग्रहण भारत के लगभग सभी हिस्सों में दिखेगा। ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण मोक्ष होने तक कब, क्या होगा। अपने और परिवार के कल्याण के लिए सूतक से लेकर ग्रहण काल तक क्या करें, क्या न करें यह सब कुछ बता रहे हैं पंडित जितेंद्र आचार्य। पंडित आचार्य के मुताबिक भारत में चंद्र ग्रहण 07 सितंबर की रात 09 बजकर 57 मिनट से रात 01 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
ग्रहण, सूतक का समय :
ग्रहण : भाद्रप्रद शुक्ल पूर्णिमा 07 सितंबर 2025, रविवार।
ग्रहणकाल : रात 09 बजकर 57 मिनट से अर्धरात्रि 01 बजकर 27 मिनट तक।
चन्द्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर आरंभ हो जाएगा।
इस वक्त होगा खग्रास :
चंद्र ग्रहण में रात 09 बजकर 57 मिनट से 11:41 तक चंद्रमा पर छाया यानि ग्रहण बढ़ता रहे।
रात 11 बजे से 12:23 तक पूरा बिम्ब पृथ्वी की छाया से ढ़का खग्रास चंद्रग्रहण देखा जा सकता है।
ग्रहण-सूतक से जुड़ी कुछ खास बातें :
चन्द्रग्रहण का सूतक ९ घण्टे पूर्व व सूर्यग्रहण का सूतक १२ घण्टे पूर्व लगता है ।
इस कार्यकाल में किसी तीर्थ ,नदी जलाशय पर स्नान कर जप /तप / भगवन्नाम संकीर्तन करें।
ग्रहण काल मे भोजन,सोना तथा अन्य समस्त कार्य वर्जित हैं।
केवल जप साधना भवन्नाम जप ही करना चाहिए।
खाद्य सामग्री में कुश या तुलसी पत्र रखने से वो पवित्र रहती है ।
घर का मंदिर दोपहर 01:45 बजे बंद कर दें
दिन का भोजन दो बजे से पहले कर लें !!
पूर्णिमा का श्राद्ध जिनको करना है वो एक बजे तक सम्पन्न कर लेवें ।
बच्चों, वृद्धों तथा रोगियों पर सूतक के नियम लागू नही होते ।
ग्रहण के बाद स्नान कर चंद्रमा को अर्घ्य दें।