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विधायक निधि के मामले में कथित भ्रष्टाचार मामले में डांगा उलझे, मदन राठौड़ विधायक के जवाब से संतुष्ट नहीं, मामला अनुशासन समिति को

सीएम ने मेड़ता के आयोजन से दूर रखा डांगा को, नाराजगी के भाव
नागौर भाजपा के नेताओं के सुर भी डांगा पर बदले
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.
 

एक स्टिंग ऑपरेशन में भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा का वीडियो वायरल हुआ है। एक कांग्रेस व एक निर्दलीय विधायक के भी इसी तरह के वीडियो सामने आए है। कांग्रेस ने अपनी विधायक को नोटिस देकर जवाब मांगा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने यह मामला पूरी तरह सदाचार कमेटी को सौंप दिया। तीनों विधायक कमेटी के सामने भी पेश हो चुके है। भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भी कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया।

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जनता व पत्रकारों के सवालों से बचते बचाते निकल रहे है इन दिनों डांगा। जबकि इस स्टिंग से पहले उनका नाम संभावित मंत्री के रूप में भी चल रहा था। जिसका जिक्र उस कथित विधायक निधि के दुरुपयोग वाले वीडियो में भी हुआ है। अचानक से रेवंतराम डांगा की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ गया है। खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी की उम्मीदवार उनकी धर्मपत्नी कनिका बेनीवाल को डांगा ने हराया था। उससे डांगा को देशव्यापी चर्चा मिली थी।

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डांगा उलझ गए स्टिंग में:

खींवसर के भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा लगता है वीडियो आने के बाद पूरी तरह से उलझ गए है। पार्टी में कोई भी नेता उनका हाथ थामकर बचाव में आने के लिए तैयार नहीं है। नागौर के नेताओं के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी जांच का हवाला देकर कन्नी काट ली। बचाव में एक वाक्य भी नहीं बोला। डांगा ने ये मामला सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकात की। मगर उनकी तरफ से भी बचाव की मुद्रा तो छोड़ें, किसी भी तरह का कोई बयान नहीं आया। जो चकित करने वाली बात है।


अध्यक्ष राठौड़ जवाब से संतुष्ट नहीं:

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस प्रकरण में खींवसर विधायक डांगा को कारण बताओ नोटिस दिया। डांगा ने जवाब भी दे दिया मगर राठौड़ उससे बिल्कुल संतुष्ट नहीं दिखाई दिए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहने में भी संकोच नहीं किया कि मैं डांगा के जवाब से संतुष्ट नहीं है। इस वजह से ही पूरा प्रकरण अब भाजपा की अनुशासन समिति को सौंप दिया गया है। इस समिति के अध्यक्ष सैद्धांतिक जीवन जीने वाले ओंकारसिंह लखावत है, जिनको बहुत कड़क माना जाता है। अब अनुशासन समिति ही डांगा का फैसला करेगी। उस कारण ही डांगा अपने को उलझा हुआ महसूस कर रहे है।

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मेड़ता के किसान सम्मेलन से दूरी:
 

मंगलवार को सरकार की तरफ से नागौर के  मेड़ता में किसान सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। नागौर के ही खींवसर से डांगा विधायक है, मगर उनको मंच क्या आयोजन का भी न्यौता नहीं था। मुख्यमंत्री भजनलाल की उपस्थिति के बावजूद उस आयोजन के पोस्टरों से भी रेवंतराम डांगा गायब थे। इससे लगता है संगठन के बाद सरकार ने भी उनसे दूरी बनाई है। ये डांगा के लिए चिंता की बड़ी बात है।


नागौर के नेताओं के बदले सुर:
 

हनुमान बेनीवाल के खिलाफ व रेवंतराम डांगा के पक्ष में पहले ज्योति मिर्धा, रिछपाल मिर्धा आदि बोलते नहीं थकते थे। अब यही नेता डांगा के बारे में सार्वजनिक बयान दे रहे है कि नागौर की नाक कट गयी। कार्यवाही की मांग भी कर रहे है। ज्योति व रिछपाल जी की जयपुर व दिल्ली में सक्रियता भी बढ़ गयी है।

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