बीकानेर के पाटों से खबर : विधायक व्यास फिर सहानुभूति के घेरे में, पीबीएम की राजनीति और कल्ला परिवार का वर्चस्व बरकरार
RNE,BIKANER.
इन दिनों शहर विधायक जेठानन्द व्यास जी के साथ लोगों की बड़ी सहानुभूति फिर से बन गयी है। ये वैसी ही सहानुभूति है, जैसी उनको विधानसभा चुनाव में मिली थी। व्यास जी राजनीति सीधी करना चाहते है, मगर दूसरे नेता उनको सीधे चलने नहीं देना चाहते। इस वजह से ही व्यासजी के सामने कई दिक्कतें आ रही है।
अब व्यास जी के क्षेत्र से बिजली निगम के कर्मचारियों के ट्रांसफर हो गये, उनको पता नहीं चला। कराए किसी और ने और भुंड आई व्यास जी के हिस्से में। कभी उनके पहुंचने से पहले सरकारी आयोजन शुरू हो जाते है तो कभी सरकार के आयोजन में उनको खड़ा रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई किस्से और भी है।
इन हालातों के कारण ही मस्तमौला बीकानेर वासियों की एक बार फिर से अपने विधायक व्यासजी से सहानुभूति हो गयी है। व्यास जी भी अफसरों से बिगड़े सम्बंध सुधारने में लगे है। व्यासजी सहानुभूति पाये तब तक तो ठीक, अपने शहरवासियों को बस नाराज न होने दें। शहर वासियों को काम से ज्यादा व्यवहार पसंद है। ये व्यासजी को ध्यान रखना चाहिए।
तो कमान अब भी कल्ला के पास...

कांग्रेस ने इस बार मदन मेघवाल को शहर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। कहा गया कि कांग्रेस काफी वर्षों बाद कल्ला के वर्चस्व से बाहर निकली है। मगर वो बात अब सही प्रतीत नहीं हो रही। भाजपा सरकार के 2 साल पूरे होने पर उसकी विफलताओं को बताने के लिए हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। बीकानेर में भी हुई। कमान मदन मेघवाल के पास नही, कल्ला के पास थी। डॉ बी डी कल्ला ने ही राज्य सरकार की विफलताओं को सामने रखा। कमान भी उनके पास थी। मदनजी तो केवल बतौर आयोजक मंच पर बैठे थे। पाटों पर चर्चा है कि कांग्रेस के लिए कल्ला अपरिहार्य है, इनका कोई विकल्प नहीं।
विरोध का सॉफ्ट सेंटर पीबीएम...
सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, दोनों के लिए राजनीति को चमकाने का सॉफ्ट सेंटर पीबीएम अस्पताल है। यही चर्चा पाटों पर गर्म है। विधायक व्यास जी गाहे बगाहे पीबीएम का दौरा करते है। मरीजों से मिलते ही है और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त कर निकल जाते है। भाजयुमो नेता वेद व्यास भी पीबीएम में जाते है और अव्यवस्थाओं का वीडियो बना पीबीएम प्रशासन पर सरकार को बदनाम करने का आरोप जड़ देते है। भगवान सिंह मेड़तिया भी मरीजों के बुलावे पर आकर अव्यवस्था देख पीबीएम प्रशासन पर गुस्सा निकालते है। गंगाशहर हॉस्पिटल की कमियों को लेकर मोहन सुराणा मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर चढ़ाई कर देते है।
अब कांग्रेस की बात। सरकार के खिलाफ पीसी करने के बाद पूर्व मंत्री कल्ला, यशपाल गहलोत, मदन मेघवाल आदि भी पीबीएम जाते है और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते है। संभागीय आयुक्त से मिलते ही है। पाटों को लगता है कि राजनीति चमकाने का सॉफ्ट सेंटर पीबीएम बन गया है।
- पाटेबाज

