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Captain Vikram Batra को याद कर रहा है आज पूरा हिंदुस्तान, जानिए उस वीर ने कैसे दुश्मनों को छकाया, अपना बलिदान दिया!

 

 रिंकू हर्ष

RNE Special.

"सच है विपत्ति जब आती है कायर को ही दहलाती सूरमा नहीं विचलित होते क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते, कांटों में राह बनाते है,"
 राष्ट्रकवि दिनकर की इन कालजयी पंक्तियों को भारत माँ के लाल कैप्टन विक्रम बत्रा ने चरितार्थ किया। जानते है भारत के उस वीर सपूत को जिसने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहूति दी, जिसे लोग कारगिल के शेरशाह नाम से भी जानते है, कहानी भारत के लाल कैप्टन विक्रम बत्रा की देश के उस वीर सपूत की जिसने मात्र 24 साल की उम्र में राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में पिता गिरधारी लाल एवं माता कमल बत्रा के घर हुआ। कैप्टन बत्रा की प्राम्भिक तथा माध्यमिक शिक्षा पालमपुर में ही हुई थी। बत्रा के माता एवं पिता दोनों ही अध्यापक थे।
चंडीगढ़ से स्नातक, 1996 में CDS में चयन : 
कैप्टन बत्रा ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक करने के बाद उनका चयन CDS में हुआ। CDS  में चयन के बाद वे भारतीय सैन्य अकादमी के मानेकशॉ बटालियन में शामिल हुए। 19 महीनों की ट्रैनिंग के बाद कैप्टन बत्रा की नियुक्ति J&K राइफल्स में लेफ्टिनेंट पद पर हुई। उसके बाद कैप्टन बत्रा ने मध्यप्रदेश, कर्नाटक में अपनी विशेष ट्रेनिगें पूरी की। 

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जून 1999 में कारगिल में तैनाती, पॉइंट 5140 पर हमले की जिम्मेदारी :
20 जून 1999 को ऑपरेशन विजय के दौरान पॉइंट 5140 पर हमले की जिम्मेदारी कैप्टन बत्रा को सौंपी गई । इस दुर्गम रास्ते में अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को कड़ी टक्कर देते हुए चोटी पर कब्जा कर रेडियो के जरिए विजय उद्घोष किया। 


7 जुलाई 1999 : पॉइन्ट 4875 पर दुश्मनों से लोहा,राणा सांगा जैसे जख्म फिर भी कहा 'ये दिल मांगे मोर' : 
पॉइंट 5140 पर कब्जा करने के बाद कैप्टन बत्रा को पॉइंट 4875 को जीतने की जिम्मेदारी मिली । पॉइंट 4875 एक ऐसा बेहद दुर्गम रास्ता था जिस पर दोनों ओर खड़ी ढलानें थी । इस भीषण लड़ाई में कैप्टन बत्रा ने एक साथ पांच सैनिकों को मार गिराया लेकिन साथ ही बत्रा भी गंभीर जख्मी हुए। जख्मों की परवाह न करते हुए बत्रा दुश्मनों पर काल बनकर टूटे और दुश्मनों का सफाया किया तथा एक साथी सैनिक की जान बचते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। 

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मरणोपरांत परमवीर चक्र, पॉइन्ट 4875 का नाम बत्रा टॉप के साथ देश में कई जगह शहादत को श्रद्धांजलि : 
शहीद कैप्टन बत्रा को मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। पॉइंट 4875 का नाम कैप्टन बत्रा के नाम से ही रखा गया है इसके अलावा जबलपुर छावनी का आवासीय क्षेत्र, सेवा चयन केंद्र इलाहाबाद का हॉल और आईएमए में संयुक्त कडेट मेस का नाम भी कैप्टन बत्रा के नाम पर ही रखा गया है।

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