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भगवान शिव को भूलकर भी नहीं अर्पित करनी चाहिए ये पांच फूल,  वरना नाराज हो जाएंगे महादेव

 

Sawan 2025: 11 जुलाई से सावन के पावन महीने की शुरुआत हो रही है। इस महीने को बेहद शुभ माना जाता है और विशेष कर इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती पर कुछ फूल- भूलकर भी अर्पित नहीं करनी चाहिए वरना भगवान नाराज हो जाते हैं।

भगवान शिव की पूजा में कुछ फूलों का उपयोग वर्जित माना जाता है। यहाँ पांच फूल हैं जिन्हें भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए...

भगवान शिव को अर्पित नहीं करनी चाहिए यह फूल 

1. केतकी के फूल:  केतकी के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार केतकी के फूल ने भगवान शिव से झूठ बोला था।

2. कनेर के फूल:  कनेर के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए।

3. अकौआ के फूल: अकौआ के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए।

4. हिबिस्कस (गुड़हल): गुड़हल के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए, क्योंकि इन्हें भगवान विष्णु को अर्पित करना अधिक उपयुक्त माना जाता है।

5. कदंब के फूल: कुछ मान्यताओं के अनुसार कदंब के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए, हालांकि यह विभिन्न परंपराओं में भिन्न हो सकता है।

भगवान शिव को अर्पित करने के लिए बिल्व पत्र, धतूरा, और अन्य पवित्र फूलों का उपयोग किया जा सकता है। इस महीने में भगवान शिव को कनेर का फूल अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव को शमी का फूल भी बेहद पसंद है इसके साथ ही भांग और धतूरा भी अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। महादेव प्रसन्न होते हैं।