क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद विराट कोहली बने रुपये कमान की मशीन, शुरू किया यह काम
टी -20 अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेन के बावजूद लग रहा था कि दिग्गज भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली लाइमलाइट से दूर हो चुके हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैदान से बाहर भी विराट जमकर चौके-छक्के लगा रहे हैं। स्टार भारतीय क्रिकेटर अब भी मार्केट में ब्रांड एडोर्सर के रूप में पहली पसंद हैं। वे लगातार स्टार्टअप्स और बिजनेस वेंचर्स में अपना नाम और पैसा निवेश कर मुनाफा कमा रहे हैं। विराट और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने ज्यादातर फिटनेस, फैशन और हेल्थ फूड के स्टार्टअप्स में निवेश किया है।
हालांकि विराट ने अब तक कुल कितनी रकम निवेश की है इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन जिन कंपनियों में उन्होंने पैसा लगाया है, उन्होंने अब तक कुल मिलाकर करीब 9000 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाई है। इनमें से 10 कंपनियों की कुल वैल्यूएशन करीब 56 हजार करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।
स्पोर्ट्स वियर कंपनी में 40 करोड़ का निवेश
विराट ने हाल में एक स्पोर्ट्स वियर कंपनी में करीब 40 करोड़ का निवेश किया है। इस डील से उन्हें कंपनी में 1.94 फीसदी हिस्सेदारी मिली है। इस कंपनी में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह भी निवेशक हैं। ये पहली बार नहीं है जब विराट ने किसी स्टार्टअप में निवेश किया है, उन्होंने अनुष्का के साथ मिलकर अब तक 13 से ज्यादा स्टार्टअप्स में पैसा लगाया है।
11 साल से सक्रिय
विराट और अनुष्का स्टार्टअप्स के बाजार में 11 साल से सक्रिय हैं। इन दोनों ने पहली बार नवंबर, 2014 में लंदन स्थित एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म बनाने वाली कंपनी में निवेश किया था। यह निवेश उन्होंने एंजल इन्वेस्टर (शुरुआती निवेशक) के तौर पर किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार विराट ने कम से कम छह स्टार्टअप्स में एंजल इन्वेस्टर के तौर पर पैसा लगाया है।
2.5 करोड़ का निवेश रहा सुपरहिट
विराट के बिजनेस सफर की सबसे बड़ी कामयाबी एक ऑनलाइन इंश्योरेंस कंपनी में निवेश करना रहा है। इस कंपनी में विराट-अनुष्का ने 2020 में 2.5 करोड़ रुपए का निवेश किया था। 2024 में जब कंपनी का आइपीओ (शेयर बाजार में लिस्टिंग) हुआ तो उनकी हिस्सेदारी की वैल्यू तेजी से बढ़ गई। वर्तमान में उस कंपनी की मार्केट वैल्यू 31 हजार करोड़ रुपए के करीब है।
छह कंपनियों में लीड इन्वेस्टर
विराट और अनुष्का छह कंपनियों में लीड इन्वेस्टर हैं। इसका मतलब है कि मुख्य निवेशक के तौर पर उनके फैसलों का असर कंपनी की दिशा पर पड़ता है। उनके निवेश किए गए स्टार्टअप्स में से एक कंपनी यूनिकॉर्न बन चुकी है। यानी उसका वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर (8,000 करोड़ रुपए से ज्यादा) को पार कर चुका है। वहीं एक दूसरी कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है।