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दो जुड़वां बेटियों को नींद में छोड़ पैदल मंदिर गई मां, अब कभी इन्हें जगाकर दूध-चाय नहीं पिलायेगी

RNE, SRI DUNGARHARH-BIKANER . 

श्रीडूंगरगढ़ की 34 वर्षीय राखी सारस्वत की 06 वर्षीय दो जुड़वा बेटियां हैं जिन्हें नींद मंे छोड़ तड़के तीन बजे जेठानी माया सारस्वत और नानदी (ननद की बेटी) खुशी के साथ तौलियासर भैरूंजी दर्शन करने के लिए पैदल रवाना हुई। तय था, जल्द दर्शन कर बेटियों के जागने से पहले लौटूंगी। उन्हें जगाकर दूध-चाय दूंगी।

इसके साथ अनंत चतुर्दशी का उद्यापन भी करना है। ऐसे में आज पूरा दिन धर्म-कर्म और भगवान की भक्ति में ही बीतने का उल्लास चेहरे पर था। रवाना होने से पहले तीनों ने एक साथ सेल्फी ली। बस, यह एक साथ आखिरी सेल्फी हो गई। मंदिर के निकट पहुंचते-पहुंचते एक कार ने तीनों को इस कदर रौंदा की राखी और उसकी नानदी खुशी की मौके पर ही मौत हो गई।

माया को हलकी चोटें लगी। हॉस्पिटल ले जाया गया जहां से छुट्टी हो गई। खुशियों की जगह मातम छा गया। पूरे कस्बे में कोहराम मच गया। दोनों जुड़वा बेटियां भी संभवतया इसी क्रंदन से ही जागी। मां को तलाशती इनकी आंखों में आशंका छाने लगी। शायद वे अब तक समझ गई कि अब कभी मां जगाकर, दूध-चाय के लिये आवाज नहीं देगी।

घटना यह है: 

तौलियासर मेले में भैरूजी को धोक लगाने अल सुबह बड़ी तादाद में यात्रियों की भीड़ जुटी। सड़क पर श्रद्धालुओं का रेला लग गया। इस बीच एक कार अनियंत्रित होकर महिला पदयात्रियों के जत्थे में घुस गई। इसमें कइयों को चोट आई लेकिन तीन महिलाएं बुरी तरह कुचल गई। इनमें से दो की मौत मौके पर ही हो गई जबकि एक को गंभीर हालत में हॉस्पिटल ले जाया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।