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बयान पर हंसने का मतलब साजिश में शामिल होना नहीं है…, आपत्तिजनक टिप्पणी पर हंसने पर गिरफ्तार पत्रकार रिहा हुई

RNE Network.

अनेक बार कुछ ऐसी अजूबी बातों में पुलिस कार्यवाही कर बैठती है, जिनको अपराध की श्रेणी में माना ही नहीं जाता है कोर्ट के द्वारा। अब अगर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करे और उस पर बरबस ही वहां मौजूद किसी को हंसी आ जाये तो वो अपराध कैसे होगा। अपराध भी ऐसा की हंसने वाले को गिरफ्तार कर लिया जाये।


पर सच में ऐसा हुआ और गिरफ्तार हुए को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से रिहाई मिली। मामला भी एक वरिष्ठ पत्रकार से जुड़ा हुआ है। ये मामला है आंध्र प्रदेश का। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी के अपमानजनक बयान पर हंसने का मतलब साजिश में शामिल होना नहीं है। साथ ही, आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कोम्मिनैनी श्रीनिवास को जमानत दे दी। उन्हें 9 जून को एक टीवी शो में अमरावती पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर हंसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।