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Lunkarnsar : जगह-जगह किसानों ने डेरा डाला, सुबह से दोपहर तक जाम, नेता जुटे

RNE Lunkaransar-Bikaner.

देशभर में जहां किसान आंदोलन चर्चा का विषय बना हुआ हैं वहीं राजस्थान के बीकानेर संभाग में भी किसानों का आक्रोश सड़क पर उतार आया है। खड़ी फसल को बचाने के लिए नहर में पूरा पानी देने और कुओं को बिजली देने की मांग पर छह दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को पूरे लूणकरणसर इलाके में जगह-जगह चक्काजाम कर दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले सड़क पर उतरे आंदोलनकारियों की अगुवाई करने वालों में किसान नेता लालचंद भादू के साथ पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल, कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र मूण्ड आदि शामिल रहे।

अलग-अलग टोलियों ने इन स्थानों पर लगा दिया जाम :

 

दरअसल चक्काजाम को लेकर किसानों ने एक दिन पहले ही रणनीति बना ली थी। कुल सात पॉइंट चुने गए थे जहां अलग-अलग गांवों की टोलियाँ सुबह 10 बजे पहुँच गई। दोपहर 02 बजे तक किसानों ने जाम लगाए रखा। इन स्थानों में जामसर, धीरेरा, हंसेरा, लूणकरणसर, पिंपेरा, महाजन, अर्जुनसर शामिल हैं।

जाम के बाद आमसभा :

जाम खत्म होने के बाद दोपहर लगभग तीन बजे बड़ी तादाद में किसान लूणकरणसर धरनास्थल पर पहुँच गए। यहां हुई सभा को किसान नेता लालचंद भादू, पूर्व मंत्री गोविंदराम, बिशनराम सियाग, राजेंद्र मूण्ड प्रभुदयाल सारस्वत आदि ने संबोधित किया।

किसान नेताओं ने कहा, यह किसी पार्टी के और किसी पार्टी के खिलाफ लड़ाई नहीं ही। किसान अपनी फसल बचाने की मांग कर रहा है। पानी नहर में उपलब्ध है इसके बावजूद पानी नहीं दे रहे। ट्यूबवेल वाले किसानों की भी फसल सूख रही है लेकिन बिजली नहीं मिल रही। हालांकि किसानों की बहुत मांगें और समस्याएं हैं लेकिन अभी प्राथमिकता पानी और बिजली की है। नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।

दूल्हे ने बारात में जाने से पहले कहा, पानी दो सरकार :

किसान आंदोलन के चक्काजाम के बीच ही एक बारात की गाड़ी पहुँच गई। हालांकि आंदोलनकारियों ने पहले से ही तय किया था कि बारात की गाड़ी, एंबुलेंस, दूध की गाड़ी नहीं रोकी जाएगी। ऐसे में बारात की गाड़ी को भी पहले निकाला जा रहा था मगर इस बीच दूल्हे ने गाड़ी से उतरकर भाषण दिया और मांग उठाई की किसानों को पूरा पानी दे।

आगे क्या..18 को ट्रेक्टर रैली:

किसान नेताओं का कहना है जब तक पानी, बिजली की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी कड़ी में अब 18 फरवरी को विशाल ट्रेक्टर रैली निकाली जाएगी। हालांकि अभी यह घोषित नहीं हुआ है कि यह रैली कहां से शुरू होगी, किस रस्तों से गुजरेगी और कहां जाकर खत्म होगी। इसके बावजूद प्रशासन किसान आंदोलन को लेकर है अलर्ट मोड पर है। शनिवार को भी जहां भारी पुलिस ज़ाब्ता तैनात था वहीं लगातार इंटेलीजेंस रिपोर्ट ली जा रही है।