Maharashtra : 5 को शपथ, शिंदे की तबीयत बिगड़ी, भाजपा की बैठक टली
RNE Network, Mumbai.
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के शपथ ग्रहण की प्रस्तावित तारीख 05 दिसंबर सामने आ चुकी है लेकिन चुनाव का रिजल्ट आए 7 दिन बीतने के बाद भी अब तक शपथ लेने वाले चेहरों पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच अपने गांव गए एकनाथ शिंदे को लेकर चिंताजनक खबर आई है। खबर यह है कि शिंदे गांव में बीमार हो गए है। उनका इलाज करने डॉक्टर्स की पूरी टीम गांव पहुंची है।
दरअसल शिंदे शुक्रवार को सतारा स्थित अपने गांव पहुंचे थे। वहां उन्हें अचानक लगभग 104 डिग्री बुखार होने की वजह से वह गांव में अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सके। केयरटेकर सीएम के खराब स्वास्थ्य की खबर से खलबली मच गई और डॉक्टरों की एक टीम उनके गांव पहुंच गई।
डिप्टी सीएम के साथ गृहमंत्री का पेंच :
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आए 7 दिन बीत चुके हैं। महायुति को 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। इनमें भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं लेकिन अब तक शपथ पर सस्पेंस बना हुआ है। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी जबकि फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं।
अब जो जानकरियां सामने आ रही उसके मुताबिक एकनाथ शिंदे डिप्टी CM का पद लेने को तैयार हैं, लेकिन गृह मंत्रालय पर अड़े हुए हैं। यही वजह है कि 29 नवंबर को शिंदे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मुंबई लौटे और सभी कार्यक्रम रद्द कर अपने गांव सातारा निकल गए। गांव में उनकी तबीयत बिगड़ गई है। मुंबई से डॉक्टरों की टीम पहुंची है।
भाजपा विधायक दल की मीटिंग टली :
दूसरी ओर बदले घटनाक्रम के बाद भाजपा विधायक दल की प्रस्तावित मीटिंग टल गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 1 दिसंबर को होने वाली बैठक अब 3 दिसंबर को होगी। दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और आधिकारिक रूप से सीएम फेस अनाउंस करेंगे। जानकारी यह भी मिल रही है कि संघ से हरी झंडी मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए लगभग फाइनल हो गया है। शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। शिवसेना और NCP की ओर से एक-एक डिप्टी सीएम भी शपथ लेंगे।
गृहमंत्री पर इसलिए पेंच :
दरअसल शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस डिप्टी CM थे और उनके पास ही गृह मंत्रालय था। इसी लिहाज से शिंदे गुट का तर्क है कि डिप्टी CM पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी मिलना चाहिए। दूसरी ओर देवेन्द्र फड़णवीस गृह मंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इस विवाद के चलते अमित शाह के साथ बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकल सका।