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गहलोत शासन में बने कई निगम और बोर्ड को बंद किया जायेगा, उनके लिए इस बार के बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया

अभिषेक आचार्य

RNE Special.

राज्य सरकार विधानसभा के बजट सत्र के बाद प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां आरम्भ करेगी। इस विषय मे सरकार व संगठन के स्तर पर कवायद पूरी कर ली गई है। कई बड़े नेताओं को इन नियुक्तियों में एडजेस्ट किया जायेगा। जिस पर आलाकमान से भी चर्चा हो चुकी है।

इस विषय में पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ से बात हुई। बाद में मुख्यमंत्री दिल्ली जाकर गृहमन्त्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा आदि से भी चर्चा कर चुके हैं। सीएम ने इस मसले पर आलाकमान की भावना के अनुरूप पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से भी बात की है। क्योंकि आलाकमान राज्य में गुटबाजी को पूरी तरह खत्म करने के पक्ष में है। इस बात को राजनीतिक नियुक्तियों में भी ध्यान में रखा जायेगा।

इन नेताओं के नाम चर्चा में:

राज्य के विधानसभा चुनाव में इस बार दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया चुनाव हार गए। वहीं कुछ को टिकट नहीं मिला। जिनमे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी भी शामिल है। वहीं वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचंद कृपलानी, बाबूसिंह राठौड़ आदि को भी अभी तक कुछ भी हिस्सेदारी नहीं दी गई है। इनमें से कुछ मंत्री भी बन सकते हैं। वसुंधरा गुट के लोगों को नियुक्तियां में प्रतिनिधित्व मिलेगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।कई आयोग व बोर्ड खत्म होंगे:

पिछली गहलोत सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए अंधाधुंध बोर्ड, निगम, आयोग बना दिये। उनका वर्तमान भाजपा सरकार मूल्यांकन कर रही है। ये तय माना जा रहा है कि कुछ बोर्ड, निगम, आयोग समाप्त किये जायेंगे। क्योंकि इस बार के बजट में उनके लिए सरकार ने किसी भी तरह के बजट का प्रावधान नहीं किया है।किरोड़ी पर भी होगा फैसला:

दिग्गज नेता किरोड़ीलाल मीणा मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने सुविधाएं भी लौटा दी है। सरकार उनको मंत्री के रूप में जो बंगला आवंटित किया था, वो भी निरस्त कर दिया है। इस सूरत में लगता है कि अब जल्दी ही उनके इस्तीफे पर निर्णय हो जायेगा। कुल मिलाकर आने वाले समय में भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों में तेजी रहेगी।