Bikaner के भांजे थे Mahendra Singh Mewar, विधायक विश्वराज सिंह के पिता, सांसद महिमा कुमारी के ससुर, खुद रहे थे सांसद
Former Mewar royal family head Mahendra Singh Mewar died during treatment at Ananta Medical College, Rajsamand.
RNE Network, Bikaner-Udaipur.
Rajasthan के Udaipur से एक दुखद खबर सामने आई है। मेवाड़ राजपरिवार के मुखिया महाराणा महेंद्रसिंह मेवाड़ नहीं रहे। राजसमंद के अनंता मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान रविवार को उनका निधन हो गया। वे लगभग एक वर्ष से बीमार चल रहे थे और 15 दिन से हॉस्पिटल में भर्ती थे।
महाराणा महेंद्रसिंह मेवाड़ खुद 1989 में चित्तौड़गढ़ से सांसद रहे। उनके इकलौते पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ अभी नाथद्वारा विधायक हैं, जबकि पुत्रवधू महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं। एक पुत्री त्रिविक्रम कुमारी हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ की शादी टिहरी गढ़वाल की राजकुमारी निरुपमा कुमारी से हुई थी। उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ हैं निधन के वक्त विधायक पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ और सांसद पुत्रवधू महिमा कुमारी अस्पताल में मौजूद थे। महेंद्र सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह को उदयपुर लाया जाएगा, जहां सोमवार को अंतिम संस्कार होगा।
बीकानेर महाराजा सार्दूलसिंह जी के दोहिते थे महेंद्रसिंह मेवाड़ :
महाराणा मेवाड़ महेंद्र सिंह के निधन पर उदयपुर-राजसमंद सहित प्रदेशभर में शोक जताया जा रहा है। खासतौर पर बीकानेर राजपरिवार अपने भाणेज को खोने से दुखी है। दरअसल महाराणा महेंद्रसिंह उदयपुर पूर्व राजपरिवार के मुखिया दिवंगत भगवतसिंह के पुत्र थे।
महाराणा भगवंत सिंह का विवाह बीकानेर की राजकुमारी सुशीला कुमारी के साथ हुआ था जो सार्दूलसिंहजी की पुत्री और महाराजा गंगासिंहजी की पौत्री थी। बीकानेर रेलवे स्टेशन का एक फोटो म्यूजियम में खूब देखा जाता है जिसमें महाराजा गंगासिंह जी अपने समधी महाराणा भूपालसिंहजी सहित बारातियों की अगवानी करते नजर आ रहे है। महाराजा करणीसिंह जी की पुत्री प्रिंसेज राज्यश्री कुमारी इसी रिश्ते के लिहाज से अपने बड़े भाई के निधन पर शोक जताया है।
प्रदेशभर में शोक :
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री व जयपुर पूर्व राजपरिवार की राजकुमारी दीया कुमारी ने सोशल मीडिया पर महेंद्र सिंह मेवाड़ की तस्वीर साझा करते हुए निधन पर दुख व्यक्त किया।
भाजपा से सांसद बने, कांग्रेस में गए तो हार गए :
महेंद्र सिंह ने मेवाड़ में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ यात्रा का नेतृत्व किया था और वर्ष 1989 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर चित्तौड़गढ़ के सांसद चुने गए थे। वर्ष 1990 में उद्योग मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य बने। बाद में कांग्रेस में शामिल हुए और दोबारा चुनाव लड़ा, जिसमें वो चुनाव हार गए। महेंद्र सिंह मेवाड़ वर्ष 1984 में उनके पिता भगवत सिंह के निधन के बाद मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के मुखिया बने थे।