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MGSU : संभागभर की कॉलेजों में योग कंपिटीशन, यूनिवर्सिटी के योग विभाग ने बाजी मारी 

RNE Bikaner.

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के योग विभाग द्वारा आयोजित षष्टम अंतर महाविद्यालय योग प्रतियोगिता के महिला एवं पुरुष दोनों ही वर्गों में युनिवर्सिटी के योग विभाग की टीमों ने गोल्ड हासिल किया। प्रतियोगिता में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू जिले के कॉलेजों की टीमें शामिल रहीं।

कितनी टीमें, कौन विजेता-उप विजेता :

प्रतियोगिता में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राजकीय एम एस कॉलेज बीकानेर, श्री जैन कन्या पीजी कॉलेज बीकानेर, राजकीय महाविद्यालय गंगाशहर, चौधरी बी आर कॉलेज नोहर, रयान कॉलेज बीकानेर, राजकीय नेहरू मेमोरियल महाविद्यालय हनुमानगढ़, भारती निकेतन कॉलेज श्री डूंगरगढ़, राजकीय लोहिया कॉलेज चुरू, माँ जालपा देवी राजकीय महाविद्यालय तारनगर चुरू,एसएसजीसी राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़, एसजीएन गर्ल्स पीजी कॉलेज श्रीगंगानगर, राजकीय एसएनडीबी कॉलेज नोहर की योग टीमों ने भाग लिया।

पुरुष वर्ग में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के योग विभाग की टीम ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। विश्वविद्यालय टीम में अशोक सोनी ,देवकिशन ,जेठाराम,नवरतन ,रामचन्द्र ,केशव चाँडक ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। राजकीय महाविद्यालय,गंगाशहर की पुरुष टीम उपविजेता रही।

 

महिला वर्ग में विश्वविद्यालय योग विभाग की टीम ने स्वर्ण पदक एवं महारानी सुदर्शना राजकीय महाविद्यालय, बीकानेर की टीम ने रजत पदक प्राप्त किया। विश्वविद्यालय की महिला विजेता टीम में लीना वाधवा, सरोज चौधरी, दीपिका, डिंपल मीणा, अंजली दाधीच एवं कांता खड्गावत ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

यूं हुआ आगाज :

इस प्रतियोगिता के संरक्षक कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित, उपसंरक्षक एवं कुलसचिव हरिसिंह मीणा ने सभी को शुभकामनाएँ दी। मुख्य अतिथि स्वामी विमार्शानन्द गिरि जी, विश्वविद्यालय पर्यवेक्षक डॉ॰ रमाकांत मिश्रा एवं आयोजन सचिव डॉ सीमा शर्मा समिति, अध्यक्ष डॉ. धर्मेश हरवानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

 

वक्ताओं ने ये कहा :

मुख्य अतिथि स्वामी विमर्शानन्द जी अधिष्ठाता शिवबाड़ी मठ ने कहा “योग एक समग्र अभ्यास है जो शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को शामिल करता है। योग का वर्णन अभ्यास की उत्पत्ति मे गहराई से उतरता है और हमे इसके वास्तविक सार को समझने में मदद करता है। कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा की योगा का अभ्यास व्यक्ति चेतना को सार्वभोमिक चेतना के साथ जोड़ता है।

अतिरिक्त कुलसचिव डॉ. बिठल बिस्सा आज के दौर में योग का सर्वाधिक महत्व बताया। योग प्रशिक्षक एवं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. वत्सला गुप्ता ने कहा, योग को जीवन में धारण करने से इच्छाशक्ति और एकाग्रता का विकास होता है। वित नियंत्रक अरविंद बिशनोई ने बताया कि योग से यह यह ज्ञात होता है ki मनुष्य में अपार क्षमताएं हैं।

निर्णायक और भागीदार :

निर्णायक मण्डल के रूप में मुख्य पर्यवेक्षक डॉ अभिनव जोशी ,डॉ. रमाकांत मिश्रा, राजेंद्र व्यास, भुवनेश पुरोहित, श्री योगेश ,प्रफुल्ल व्यास, शुभम स्वामी शामिल रहे। समापन कार्यक्रम में पूजा थापा, आरती, मनीष बिश्नोई की रिद्मिक योग प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। संचालन योग विभाग के अतिथि शिक्षक कोमल महावर ने किया।