Mithun Chakraborty को इस साल का दादा साहब फाल्के पुरस्कार घोषित, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शेयर की जानकारी
- प्रधानमंत्री मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई दी
RNE NETWORK. Delhi.
मिथुन चक्रवर्ती को इस साल ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि मिथुन दा को उनके उल्लेखनीय सिनेमाई सफर और भारतीय सिनेमा में अद्भुत योगदान के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।
08 अक्टूबर को समारोह में दिया जाएगा सम्मान :
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर यानी X पर ये जानकारी शेयर की है।ये सम्मान 8 अक्टूबर, 2024 को 70वें नैशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में दिया जाएगा। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर में अब तक करीब 350 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अलग-अलग भाषाओं की कई फिल्मों में काम किया जिनमें हिन्दी से लेकर बांग्ला, ओड़िया, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, और पंजाबी फिल्में भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को बधाई दी :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर आज बधाई दी। मोदी ने कहा कि मिथुन दा एक सांस्कृतिक प्रतिभा के प्रतीक हैं और उन्हें अपने बहुमुखी अभिनय के लिए पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है।
केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के संदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने अपनी एक पोस्ट में लिखा:
“मुझे प्रसन्नता है कि श्री मिथुन चक्रवर्ती जी को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह एक सांस्कृतिक प्रतिभा के प्रतीक हैं, जिन्हें उनके बहुमुखी अभिनय के लिए पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है। उन्हें बधाई और शुभकामनाएं।”
3 नेशनल अवॉर्ड और एक पद्म भूषण :
मिथुन साल 1980 के दशक से लेकर 90 के दशक के शुरुआत में हाइएस्ट पेड एक्टर्स में से एक गिने जाते थे। वे इकलौते ऐसे एक्टर हैं जिन्हें उनकी डेब्यू फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। वे डिस्को और देसी फ्यूजन स्टाइल में डांस के लिए दर्शकों के बीच खूब पॉप्युलर रहे हैं।
उन्हें साल 1993 में ‘तहादेर कथा’ के लिए दूसरा नेशनल अवॉर्ड और साल 1996 में आई फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ के लिए तीसरा नेशनल अवॉर्ड मिला था। अप्रैल 2024 में पद्म भूषण अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।
मिथुन दा की उल्लेखनीय यात्रा :
मिथुन चक्रवर्ती, जिन्हें मिथुन दा के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ हैं, जो अपनी बहुमुखी भूमिकाओं और विशिष्ट नृत्य शैली के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों में विविध प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं, जिसमें एक्शन से भरपूर पात्रों से लेकर मार्मिक नाटकीय भूमिकाएं तक शामिल हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती की एक मामूली शुरुआत करने वाले युवा से लेकर एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता बनने तक की यात्रा, आशा और दृढ़ता की भावना का प्रतीक है, जो यह साबित करती है कि जुनून और समर्पण के साथ, कोई भी अपने सबसे महत्वाकांक्षी सपने को साकार कर सकता है। उनके समर्पण और कड़ी मेहनत ने उन्हें उभरते अभिनेताओं एवं कलाकारों के लिए एक आदर्श बना दिया है।
16 जून 1950 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्मे गौरांग चक्रवर्ती ने अपनी पहली ही फिल्म “मृगया” (1976) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किया। प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र रहे मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी कला को निखारा और सिनेमा में अपने शानदार करियर की नींव रखी। मृणाल सेन की फिल्म में एक संथाल विद्रोही की उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा दिलाई।
मिथुन ने 1980 के दशक में “डिस्को डांसर” (1982) में अपनी भूमिका से अपार लोकप्रियता हासिल की। इस फिल्म ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असाधारण सफलता पाई और इसने उन्हें नृत्य में पारंगत एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया। वह डिस्को डांसर (1982) में अपनी ऐतिहासिक भूमिका के कारण हर घर में एक जाना-पहचाना नाम बन गए। यह एक ऐसी फिल्म थी जिसने न केवल उनके असाधारण नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय सिनेमा में डिस्को संगीत को भी लोकप्रिय बनाया। अग्निपथ में उनके प्रदर्शन ने उन्हें 1990 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलाया।
बाद में, ताहादेर कथा (1992) और स्वामी विवेकानंद (1998) में अपनी भूमिकाओं के लिए उन्हें दो और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल हुआ। अपने लंबे करियर में, मिथुन ने हिंदी, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी और तेलुगु सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। वह एक्शन से लेकर ड्रामा एवं कॉमेडी तक में अपने विविधतापूर्ण अभिनय के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते हैं।
मिथुन दा की दोहरी विरासत :
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि मिथुन दा को न केवल उनकी सिनेमाई उपलब्धियों के लिए बल्कि सामाजिक कार्यों के प्रति उनके समर्पण के लिए भी पहचाना जाता है। मिथुन दा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और वंचित समुदायों का सहयोग करने के उद्देश्य से विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे हैं, जो समाज को वापस देने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने सार्वजनिक सेवा और शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए संसद सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
मिथुन चक्रवर्ती को लगभग पांच दशकों के उनके करियर में, भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएं मिलीं। भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए हाल ही में उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। एक फिल्मोग्राफी के साथ जिसमें “डिस्को डांसर” और “घर एक मंदिर” जैसी क्लासिक फिल्में शामिल हैं, उन्होंने न केवल करोड़ों लोगों का मनोरंजन किया है बल्कि बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा के परिदृश्य को भी आकार दिया है। उनका प्रभाव सिल्वर स्क्रीन से भी आगे तक फैला हुआ है, क्योंकि वह फिल्म और परोपकार में अपने काम के माध्यम से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं।
मिथुन चक्रवर्ती को यह पुरस्कार मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 को आयोजित होने वाले 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा। निम्नलिखित सदस्य दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति का हिस्सा थे:
- सुश्री आशा पारेख
- सुश्री खुशबू सुंदर
- श्री विपुल अमृतलाल शाह
प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार न केवल श्री मिथुन चक्रवर्ती की कलात्मक कौशल को मान्यता देता है, बल्कि एक सहृदयी और समर्पित व्यक्ति के रूप में उनकी स्थायी विरासत को भी मान्यता प्रदान करता है, जिसने कई लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।