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मुख्य्मंत्री से गवांडे की शिकायत: बीकानेर में नहीं रुकते, काश्तकार चक्कर लगाकर हो रहे परेशान

RNE, KOLAYAT .

कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, मुख्य सचिव, राजस्थान, प्रमुख शासन सचिव, राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग, सयुक्त सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग, राजस्थान, अध्यक्ष, राजस्व मण्डल, अजमेर व संभागीय आयुक्त, बीकानेर को पत्र लिखकर बीकानेर आयुक्त उपनिवेशन श्री प्रदीप के गवांडे के द्वारा जनहित व अन्य कार्यों में रूचि नहीं लेने व घोर लापरवाही करने के संबंध में अवगत कराया हैं।

विधायक भाटी ने बताया कि बीकानेर आयुक्त उपनिवेश्न  प्रदीप के गवांडे लम्बे समय से उपनिवेशन आयुक्त के पद पर कार्यरत है लेकिन आयुक्त द्वारा बीकानेर कार्यालय में नहीं बैठकर ज्यादा समय जयपुर में ही बिताते है। काश्तकार कार्य के लिये बार-बार उपनिवेशन विभाग के चक्कर लगाते है। आयुक्त द्वारा बीकानेर से जैसलमेर, नाचना दूर बताकर सीधे जयपुर चले जाते है तथा कार्यालय में पता करने पर उनके निजी सहायक द्वारा जानकारी मिलती है कि आयुक्त जैसलमेर गये हुए है लेकिन वास्तविकता कुछ और है । उपनिवेशन की एक भी तहसील व सहायक आयुक्त उपनिवेशन या उपायुक्त कार्यालय हैड क्वार्टर पर कभी औचक निरीक्षण नहीं किया, जिसके कारण तहसील स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भी कार्य में अनुउपस्थित रहकर लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। जैसे उपनिवेशन तहसील गजनेर में तहसीलदार व नायब तहसीलदार का पद लगातार रिक्त चल रहा है और एक महिला तहसीलदार को चार्ज दे रखा है, जो कभी ना तो कार्यालय में आती है और ना ही क्षेत्र का दौरा करती हैं। काश्तकारों के सैकड़ों मामले लम्बित पड़े है लेकिन काश्तकारों द्वारा समय-समय पर उपनिवेशन आयुक्त को ज्ञापन देते रहे है लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुयी क्योकि आयुक्त न तो कार्यालय में बैठता है ना ही जन सुनवाई करते है। सरकार द्वारा समय-समय पर तहसील स्तर, पंचायत स्तर व गांव स्तर पर समाधान हेतु राजस्व कैम्प लगाये जाते है लेकिन किसी भी कैम्प में आयुक्त उपनिवेशवन की उपस्थिति नहीं है। आयुक्त 15 दिन के लिए बीकानेर में आते है और खानापूर्ति करके वापिस चले जाते है। सारा कार्य उपनिवेशन उपायुक्त श्री कन्हैयालाल सोनगरा को दिया हुआ है जो पिछले 10-12 वर्षों से उपनिवेशन विभाग में कार्य कर रहे है तथा कई वर्षों से अलग-अलग विभागों में कार्य कर रहे है लेकिन उनको भी बीकानेर से बाहर नहीं भेजा जा रहा है। उपायुक्त सरकारी कार का निजी उपयोग में लेकर जयपुर ले जाते है तथा लॉग बुक की गलत ऐन्ट्री करवायी जाती है। सरकार ने हाल ही में सैनिकों की भूमि का आवंटन किया था लेकिन आज तक आयुक्त द्वारा उनका कार्य नहीं कर रहे है तथा सैनिक उपनिवेशन कार्यालय व तहसीलों के चक्कर निकाल रहे है। साथ ही भाटी ने बताया कि हाल ही में मेरे द्वारा दिनांक 27.02.2024 को पटवारी व भू-अभिलेख निरीक्षक शिकायत की स्थानान्तरण की सूचि आयुक्त को भेजी गयी थी लेकिन एक-दो को छोड़कर के एक भी कार्यवाही नहीं की गई। जनप्रतिनिधियों से ऐसा व्यवहार करते है तो आमजन, काश्तकार इनसे क्या उम्मीद रखें। आयुक्त उपनिवेशन से पहले आयुक्त नगर निगम बीकानेर के पद पर कार्य के दौरान भी इनका व्यवहार अच्छा नहीं रहा है। जिला बीकानेर की उपनिवेशन तहसील गजनेर में तहसीलदार व नायब तहसीलदार का पद काफी समय से रिक्त है। जहां एक महिला तहसीलदार को चार्ज दे रखा है जो कभी भी ना तो कार्यालय में आती है और ना ही कभी क्षेत्र का दौरा कर समस्याओं का निदान करने की कोशिश करती है। गजनेर उपनिवेशन तहसील के क्षेत्र की चकबन्दी के लिए गत 25 वर्षों से कर्मचारी कार्यरत है लेकिन चकबन्दी का कोई भी प्रयास नहीं हो रहा है, सिर्फ तहसील की खानापूर्ति की हुयी है। विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने आयुक्त उपनिवेशन विभाग बीकानेर के खिलाफ जयपुर के किसी वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी को भेज कर जांच करवाने की मांग की हैं ।