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NHPC का प्रोजेक्ट : बीकानेर के करणीसर भटियान गांव में 300 मेगावाट क्षमता का प्लांट

  • जानिए बीकानेर में लग रहे देश के सबसे बड़े प्लांट में से एक की खूबियाँ
  • Rajasthan के Bikaner जिले स्थित करणीसर भाटियान गांव में लग रहा प्लांट
  • 1732 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश के साथ एनएचपीसी के
  • 300 मेगावाट के करणीसर-भाटियान, बीकानेर सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी
  • 750 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन हर साल 
  • 18,000 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की क्षतिपूर्ति  पूरे कार्यकाल में करेगा

आरएनई, बीकानेर।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम में देशभर में विकास के जिन कामों के लोकार्पण-शिलान्यास किया उनमें एक राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थापित होने वाला 300 मेगावाट का सोलर प्लांट भी है। राजस्थान के बीकानेर जिले स्थित करणीसर भाटियान गांव में स्थापित होने जा रहा यह प्लांट देश के बड़े सोलर प्लांट में से एक हैं।

पहले जानिए कैसा प्लांट, कितनी लागत : 

भारत सरकार के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि लक्ष्य और वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान के बीकानेर की पूगल तहसील में स्थित करणीसर-भाटियान गांव में 300 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी। यह परियोजना एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा भारत सरकार की सीपीएसयू योजना, चरण-II की किश्त-III के अंतर्गत 1,732 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश के साथ स्थापित की जा रही है।

भारत में निर्मित उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल मॉड्यूल सहित अत्याधुनिक तकनीक से लैस, यह सौर परियोजना आत्मनिर्भर भारत पहल से जुड़ी है। उत्पादित बिजली बीकानेर-द्वितीय इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम सबस्टेशन के माध्यम से पारेषित की जाएगी। परियोजना का लक्ष्य 28.50 प्रतिशत के क्षमता उपयोग कारक (सीयूएफ) को निर्धारित करते हुए, प्रतिवर्ष लगभग 750 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन करना है। इस संयंत्र से अपने पूर्ण कार्यकाल में लगभग 18,000 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की क्षतिपूर्ति भी होगी।

पंजाब को 2.45 रुपए यूनिट की दर से देंगे बिजली : 

भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित  134.70 करोड़ रुपए की व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) पर विचार करते हुए इस परियोजना के लिए बिजली उपयोग समझौता पंजाब राज्य पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के साथ अगले 25 वर्षों के लिए 2.45 रुपये प्रति यूनिट के प्रतिस्पर्धी टैरिफ पर किया गया है। इस परियोजना को सितंबर 2024 तक क्रियान्वित होने के लिए निर्धारित किया गया है। इसमें परियोजना चरण के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 600 व्यक्तियों और संचालन एवं रखरखाव चरण के दौरान 100 कर्मियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने की क्षमता है। इसके अलावा, राज्य की सौर नीति प्रावधानों के अनुसार, राजस्थान सरकार को ग्रिड प्रबंधन, अन्य सहायक बुनियादी ढांचे और हितधारकों के लिए सुविधा कार्यों के लिए बड़ी बिजली प्रणाली के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा विकास निधि में भी योगदान मिलेगा।

ये रहे मौजूद : 

समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा; केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह; केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री और बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी; विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा भी शामिल हुए।

एनएचपीसी के बारे में : 

एनएचपीसी लिमिटेड भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी है। एनएचपीसी के पास अपने 25 बिजली स्टेशनों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा (पवन और सौर सहित) की कुल स्थापित क्षमता 7097.2 मेगावाट है, जिसमें सहायक कंपनियों के माध्यम से 1520 मेगावाट भी शामिल है। वर्तमान में, एनएचपीसी (सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यम कंपनियों सहित) 10,449 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली 15 परियोजनाओं के निर्माण में शामिल है।