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Narendra Modi Interview : 15 लाख लोगों की राय से विजन डॉक्यूमेंट बनाया है, अगले 100 दिन की योजना तैयार

RNE, BIKANER .

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होने से ठीक चार दिन पहले 01 घंटा 17 मिनट लंबे अपने इंटरव्यू में अगले पांच साल ही नहीं वरन् 2047 तक की कार्ययोजना की जानकारी दी।

जीत के लिए पूरी तरह कॉन्फिडेंट दिखे मोदी ने कहा, मैंने लोगो से राय मांगी थी जिसमें 15 लाख लोगों के सुझाव आये। उन्हें आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से समराइज किया। यह जानना चाहा कि लोग देश में कैसा विकास चाहते हैं। इससे एक विजन डॉक्यूमेंट बनाया है। ऐसे में ये जो मेरा विजन है वह एक तरह से देश का विजन है। चुनाव खत्म होते ही इसे देश के सभी राज्यों को भेजूंगा और उनके स्तर पर होने पर वाले कामों के बारे में राय लेकर काम शुरू करूंगा। एएनआई को दिये इस इंटरव्यू में मोदी ने कहा, 100 दिन की कार्ययोजना पहले से तैयार है। उस पर अफसरों को पहले से काम पर लगा चुका हूं।


‘अभी तो ट्रेलर है, पिक्चर बाकी है’ जैसे बयान से कुछ लोगों में डर है! जब मैं कहता हूं कि मेरे मन में बहुत बड़े प्लान हैं। इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। मेरे निर्णय किसी को डराने के लिए नहीं हैं। मेरे निर्णय किसी को दबाने के लिए भी नहीं हैं। मेरे निर्णय देश के विकास के लिए हैं।

लोग कह रहे हैं वोट मोदी की गारंटी को जा रहा है। क्या उम्मीदवार इंपोर्टेंट नहीं !

चुनाव में तो हर मतदाता इम्पॉर्टेंट होता है। बूथ लेवल का कार्यकर्ता भी जरूरी होता है। कैंडिडेट भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। ये कह देना कि किसी का कोई महत्व नहीं, ये गलत है। नहीं तो इतना बड़ा चुनाव ही नहीं होता। जहां तक गारंटी का सवाल है, शब्दों के प्रति कमिटमेंट होना चाहिए। भरोसा होना चाहिए। भारत जैसे देश में भरोसा होना जरूरी है। इसलिये मैं बार-बार अपनी गारंटी कहता हूं।

राम मंदिर पर राजनीति करने में पापी कौन !

सवाल : राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को राजनीतिक रंग नहीं चढ़ना चाहिए था लेकिन चढ़ गया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा मंदिर पर राजनीति करती है वह पापी। भाजपा का कहना है, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया इसलिये कांग्रेस पापी।

मोदी का जवाब :

राजनीतिकरण किसने किया। जब हमारी पार्टी पैदा भी नहीं हुई थी, उस समय अदालत में ये मामला निपटाया जा सकता था। विभाजन के समय तय कर सकते थे। ये वोट बैंक का हथियार था, पकड़कर रखा गया और बार-बार भड़काया गया। मामला जब कोर्ट में था, तब भी जजमेंट न आए, ये भी कोशिश चल रही थी।
सब न्यायिक प्रक्रिया से होना था, लेकिन इसमें भी अड़ंगा लगाया गया। बोल रहे थे कि राम मंदिर बन रहा है, तुम्हें मार देंगे। अब राम मंदिर बन गया, उनके हाथ से मुद्दा ही चला गया। अब वे किसी को डरा नहीं पा रहे कि राम मंदिर आ जाएगा, क्योंकि मंदिर तो आ गया। कोई आग नहीं लगी।

विपक्ष पर निशाना : 

एक नेताजी के वीडियो इन दिनों में बाजार में घूम रहे हैं, उनका एक विचार, दूसरे से विरोधाभासी है। लोग देखकर कहते हैं कि ये आदमी हमें इतना मूर्ख बनाता था, आंख में धूल झोकता था। अभी एक नेता ने कहा कि मैं एक झटके में गरीबी हटा दूंगा। अब जिनको 5-6 दशक शासन करने को मिला, वे जब कहेंगे कि एक झटके में गरीबी हटा देंगे तो देश सोचता है कि क्या बोल रहे हैं। पॉलिटिकल लीडरशिप पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

सवाल: पहले कहा जाता था कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा। अब कहा जाता है कि मोदी इज भारत, भारत इज मोदी। क्या आप उस लेवल पर पहुंच गए हैं?


मोदी: मैं मां भारती की संतान हूं। उससे ज्यादा न लोग मेरे लिए बोलते हैं और न मेरे लिए सोचते हैं। मां की सेवा कर रहा हूं, इतना ही बहुत है।