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SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं

 
SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं
RNE, NETWORK. साहित्य अकादेमी द्वारा आज महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें तीन रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सर्वप्रथम युवा लेखिका अनामिका अनु ने अपनी कहानी "येनपक कथा" प्रस्तुत की। कहानी नारी संसार की विभिन्न काल्पनिक और यथार्थ की छवियों को प्रस्तुत करते हुए एक कविता की तरह सरस और प्रभावी थी। SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं कहानी एक बूढ़े छातेवाले के सहारे स्त्रियों के ऐसे अदृश्य संसार को वर्णित करती हैं जहां सबकुछ बर्फ़ की तरह जल्द ही पिघलकर खत्म हो जाता है। रुचि मेहरोत्रा ने अपनी छह कविताएं प्रस्तुत की जो जिंदगी को अलग-अलग नज़रिए से देखने और समझने की कोशिश थी। उनकी कुछ कविताओं के शीर्षक थे- मन का विश्वास, अनकही बातें, जिंदगी एक सहेली है एवं किश्ती है जिंदगी भी । वरिष्ठ लेखिका अलका सिन्हा ने अपनी कहानी "पीपल , पुरखे और पुरानी हवेली" प्रस्तुत की। SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं यह कहानी दो स्त्री दिलों को एक बाड़ी के बनने बिगड़ने के प्रतीक के रूप में सबके सामने प्रस्तुत करती है। कहानी केवल एक सास और बहू का आत्मीय किस्सा ही नहीं बल्कि समाज और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति एक स्त्री का वैज्ञानिक दृष्टिकोण है जो वह अपनी अगली पीढ़ी को सौंपना प्रस्तुत चाहती है। कहानी के अंत में उपस्थित श्रोताओं ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणियां भी प्रस्तुत की । SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं SAHITYA AKADEMI : महिला रचनाकारों पर केंद्रित अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन, तीन रचनाकारों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं