सत्संग के बिना विवेक नहीं होता : पंडित भाईश्री
आरएनई,बीकानेर।
गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर स्थानीय तुलसी कुटीर मे श्री राम कथा मे आख्यान करते हुए मरुनायक व्यास पीठाधीश्वर पंडित भाईश्री ने कहा कि सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और श्री राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग सहज में मिलता नहीं। सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है ।सत्संग के सिद्ध ही फल है और सब साधन तो फूल है। दुष्ट भी सत्संगति प्रकार सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है । प्रथम दिवस कथा में आख्यान करते हुए मंगलाचरण, गुरु वंदना, संत असंत वंदना, राम रूप से जीव मात्र की वंदना, श्री राम नाम वंदना और मानस निर्माण की तिथि और मानस का रूप और माहात्म्य बताया। मुख्य यजमान के रूप मे मनीष मुंजाल और महादेव खत्री ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना करवाई। कथा मे रविन्द्र जोशी,रमण सांखला, मदनमोहन स्वामी ने संगीत की स्वर लहरियो से भजन सुनाकर भक्ति से सराबोर किया।