चुनाव परिणाम के बाद भाजपा में भी होगा बदलाव, राजे का क्या होगा- बड़ा सवाल
आरएनई,स्टेट ब्यूरो।
लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को आयेंगे। उससे देश को नई सरकार तो मिलेगी ही, मगर साथ मे कई राज्यों की राजनीति में भी बड़ा बदलाव निश्चित है। भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलता है तो तस्वीर अलग होगी और बहुमत मिलता है तो कुछ अलग तस्वीर सामने आयेगी। तस्वीर कैसी होगी, यह बात चुनाव परिणाम तय करेगा। ये स्थिति केवल भाजपा की नहीं है, कांग्रेस की भी है। उसकी भी तस्वीर चुनाव परिणाम ही हर राज्य में तय करेगा। चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान में भी दोनों पार्टियों की तस्वीर में बदलाव निश्चित माना जा रहा है।
पहले बात भाजपा की। भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां क्लीन स्वीप कर ही है, यदि इस बार ऐसा नहीं हुआ और देश में भाजपा को बहुमत मिला, तब यहां बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यदि राज्य में भाजपा पिछले प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी तो भी कठोर बदलाव भाजपा में होने तय है।
जानकारों की मानी जाये तो इस बार भाजपा के लिए क्लीन स्वीप थोड़ी टेढ़ी खीर है। विपक्ष का खाता खुलता नजर आ रहा है, अब उसकी संख्या कितनी रहती है ये तो 4 जून को पता चलेगा। यदि भाजपा की उम्मीदों के विपरीत रहा सब तो बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। हाशिये पर खड़े नेताओं के भाग्य खुल सकते हैं। परिणाम के आधार पर मंत्री भी बदल सकते हैं। सांगठनिक ढांचा भी बदल सकता है।
4 जून के बाद ही दिग्गज मगर इस समय शांत वसुंधरा राजे पर भी निर्णय की संभावना है। उनकी पहली प्रतिष्ठा तो झालावाड़ से जुड़ी है जहां उनके पुत्र दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। उनका चुनाव परिणाम महत्त्व रखेगा। इसके अलावा देश व प्रदेश में भाजपा को कितनी सीटें मिलती है, उस पर उनके राजनीतिक भविष्य का निर्णय होगा। 4 जून के परिणाम राजे की आगे की राजनीति को तय करेंगे, ये तो अब परिलाक्षित हो ही रहा है।
ठीक इसी तरह कांग्रेस में भी राज्य के कई बड़े नेताओं का भविष्य 4 जून के बाद तय होगा। विधानसभा चुनाव की हार के बाद से कांग्रेस आलाकमान ने सारे राज्य के राजनीतिक निर्णय लंबित कर रखे हैं, उन पर निर्णय होना तय है। 4 जून तक दोनों पार्टियों के कई बड़े नेताओं की धड़कने बढ़ी रहेगी, उनको ठहराव चुनाव परिणाम के बाद ही मिलेगा।
— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘