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ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन ने बढ़ाई उम्मीद

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अब बिना चीर-फाड़ के भी वॉल्व रिप्लेसमेंट संभव है। हार्ट वॉल्व की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए यह उम्मीद ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन ने बढ़ाई है। इसे ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) भी कहा जाता है। वॉल्व की पारंपरिक सर्जरी की तुलना में स्टेंट की तरह कैथेटर के जरिए वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की सफलता कई मायनों में मरीजों के लिए हितकारी है। बावजूद इसके बारे में जानकारी का अभाव कहीं न कहीं चिंता का विषय है।

हार्ट एक्सपर्ट का कहना है कि हर इंसान के हार्ट में 4 चैंबर होते हैं और सभी चैंबर में ब्लड जाने पर वॉल्व खुलते हैं और विपरीत दिशा में जाने पर बंद हो जाते हैं। वॉल्व यह सुनिश्चित करता है कि सही समय पर ब्लड सही दिशा में सही प्रेशर के साथ पहुंच रहा है या नहीं।

जब वॉल्व खराब हो जाता है तो यह कठोर हो जाता है और यह ठीक से नहीं खुलता है, जिससे मरीज को परेशानी होती है। इसलिए सर्जरी कर खराब वॉल्व की जगह नया वॉल्व लगाया जाता है। लेकिन अब तक इसके लिए ओपन हार्ट सर्जरी करनी होती थी, लेकिन अब यह बिना ओपन हार्ट सर्जरी के भी संभव हो रहा है।

एरोटिक स्टेनोसिस पर इंपैक्ट

एरोटिक (महाधमनी स्टेनोसिस) वॉल्व के संकुचन होने पर हार्ट से शरीर के बाकी हिस्सों तक ब्लड की सप्लाई बाधित हो जाती है। यह स्थिति मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती है और सीने में दर्द, बेहोशी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पैदा कर सकती है।

अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो गंभीर महाधमनी स्टेनोसिस के परिणामस्वरूप हृदय गति रुक सकती है और मौत भी हो सकती है। पारंपरिक इलाज में ओपन हार्ट सर्जरी शामिल है, जो प्रभावी होने के साथ-साथ विशेष रूप से कई स्वास्थ्य समस्याओं वाले बुजुर्ग मरीजों के लिए जोखिम भी पैदा करती है।