
नया सत्र आरम्भ होने में केवल एक की अवधि ही शेष, अब तक सरकार के स्तर पर इन शिक्षकों के तबादलों पर निर्णय नहीं
- शिक्षा मंत्री के अलग – अलग बयानों से ये शिक्षक असमंजस में
अभिषेक आचार्य
RNE Special.
नया शिक्षा सत्र आरम्भ होने में अब बमुश्किल एक माह का समय ही शेष रह गया है। उसके बाद भी शिक्षक तबादलों को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट भी शुरू नहीं हुई है। शिक्षा सत्र आरम्भ होने के बाद शिक्षक तबादले कर सरकार विरोध का जोखिम नहीं उठा सकती।
जब सरकार ने सभी विभागों में तबादलों की छूट दी थी, उस समय जिन विभागों को तबादले करने की छूट नहीं दी गई, उसमें शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग भी शामिल है। नई सरकार को आये एक साल से अधिक हो गया मगर शिक्षक अब भी तबादले के लिए तरस रहे है।
तृतीय श्रेणी शिक्षक ज्यादा चिंता में:
राज्य कर्मचारियों में सबसे अधिक कर्मचारी शिक्षा विभाग में काम करते है और उसमें भी जिस वर्ग के शिक्षक सर्वाधिक है, वे है तृतीय श्रेणी शिक्षक। जिनकी तवादलों की मांग 7 साल से भी नहीं स्वीकारी गई है। जबकि वे इसके लिए आंदोलन भी कर चुके है।
पहले कांग्रेस सरकार ने भी इन शिक्षकों से तबादले करने का हर साल वादा किया मगर 5 साल के शासन में तबादले नहीं किये। चुनाव आये, भाजपा ने इन शिक्षकों से तबादले का वादा किया। मगर ये राज भी अभी तक इस विषय में ठोस निर्णय नहीं दे सका है।
शिक्षा मंत्री के ये है बयान:
जब शिक्षा मंत्री किसी जिले के दौरे पर जाते है तो थर्ड ग्रेड टीचर उनसे मिलते है, अपना ज्ञापन देकर तबादले करने की मांग करते है। उनकी तो बात सुन ली जाती है मगर वहीं शिक्षा मंत्री मीडिया को कह देते है कि इस श्रेणी के शिक्षकों के तबादले सम्भव नहीं।
वे कहते है, इन शिक्षकों को जिले से बाहर स्तानन्तरित करने का नियम नहीं है। इनका तबादला जिले में ही सम्भव है। द्वितीय श्रेणी शिक्षक का तबादला केवल संभाग में सम्भव है। प्रथम श्रेणी शिक्षक का तबादला राज्य में कही भी हो सकता है।
तार्किक रूप से शिक्षा मंत्री की बात सही लगती है, मगर राज्य में शिक्षक तबादला नीति लागू ही नहीं है। जब तबादले करने होते है तो सरकार नियम बना तबादले कर देती है।
विधायको को ये जवाब:
जब सत्तारूढ़ दल के विधायक इस श्रेणी के शिक्षकों के तबादले की बात शिक्षा मंत्री से करते है तो एक जवाब तो उनका वही है जो वे सार्वजनिक रूप से देते है। दूसरा उनका सीधा सा जवाब होता है कि इस विषय में माननीय मुख्यमंत्री निर्णय करेंगे। इस तरह के बयान से ही थर्ड ग्रेड टीचर असमंजस में है।
ये कहते है शिक्षक नेता:
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता महेंद्र पांडे का कहना है कि इस संवर्ग के शिक्षकों को भी तबादले का लाभ मिलना चाहिये। शिक्षक वर्ग में इसी वर्ग का वेतन सबसे कम है। इसे अपने घर के जिले या समीप में पदस्थापित किया जाता है तो वो बेहतर परिणाम देगा।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों का रुख:
इस संवर्ग के शिक्षक तबादले का लाभ न मिलने से बेहद खफा है। वे अब बड़े आंदोलन की भी बात करने लगे है और इसमें सभी शिक्षक संगठन एक मंच पर भी आ सकते है।