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ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर

 
  • ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना की दो टूक-हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, वहां से भारत के लिए खतरे का इनपुट था
  • विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया पूरा ऑपरेशन सिंदूर
  • 28 मिनट में पाक के सारे पाप और आतंक से मिले हाथ का खुलासा भारतीय सेना ने सबूतों के साथ किया
RNE New Delhi. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने की बड़ी कार्रवाई पर जहां पूरी दुनिया की नजर है वहीं भारतीय सेना ने इस कार्रवाई को लेकर पहली आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी तस्वीर साफ की है। विदेश सचिव विकम्र मिस्त्री के साथ ही भारतीय सेना की दो महिला अफसर आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पूरे ऑपेरशन की जानकारी दी। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर यह अनूठी बात है कि जिस पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों को दंड देने के लिए यह ऑपरेशन चलाया उसका नाम रखा गया ‘ऑपरेशन सिंदूर।’ यह नाम उन महिलाओं को समर्पित है जिनके सुहाग इस हमले में उजड़ गये। इसके साथ ही प्रेस ब्रीफिंग में दो महिला अफसरों को जिम्मेदारी देकर संदेश दिया कि भारतीय महिलाएं पूरे हौसले के साथ हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। इतना ही नहीं यह पहलगाम हमले में धर्म पूछकर लोगों को मारने की घृणित सोच का भी भारतीय प्रत्युत्तर था जिसमें एक मुस्लिम और एक हिन्दू महिला अफसर ने अपने देश की कार्रवाई को बयां किया। दरअसल पहलगाम हमले में धर्म पूछकर मारने के पीछे बड़ा मकसद यह था कि देशभर में सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जाए। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर अब जानिये कैसी कार्रवाई, क्यों, कहां हुई: विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पहलगाम में आतंकी हमले का ये तरीका जम्मू-कश्मीर और पूरे देश में दंगे भड़काने का प्रयास था। TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली जो कि लश्कर से जुड़ा हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से आतंकियों के संबंध पाकिस्तान से उजागर हुए हैं। हमलावरों की पहचान की गई और उनकी जानकारी जुटाई गई। हमले की रूपरेखा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। पाकिस्तान आतंकियों के पनाहगार के रूप में पहचान बना चुका है। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर वैश्विक मंचों को गुमराह किया है। साजिद मीर केस में पाकिस्तान ने आतंकी को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह जिंदा पाया गया। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर ये जरूरी था कि पहलगाम हमले के आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए। पाकिस्तान ने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और आरोप लगाता रहा। भारत को खबर मिली कि ये आतंकी संगठन भारत को आगे और भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अत: इन्हें रोकना और इसने निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया। आज सुबह भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। भारत की कार्रवाई आतंकवाद के ढ़ांचे को समाप्त करने के लिए की गई है। ये एक नपी तुली कार्रवाई है। यूएन ने भी आतंकी हमले के आरोपियों-दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की बात पर जोर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर सोफिया कुरैशी-व्योमिका सिंह की जुबानी, ऑपरेशन: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि रात 1:05 बजे और 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ। पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट पहचाने गए थे। इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए। पीओके में मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर को सबसे पहले निशान बनाया गया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली। मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप। यहां हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी। कोटली का लश्कर का गुरपुर कैंप। पूंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर भिम्बर का बरनाला कैंप। यहां हथियार चलाना सिखाया जाता है। कोटली का अब्बास कैंप। यह एलओसी से 13 किमी दूर है। फिदायीन तैयार होते हैं। सियालकोट का सरजल कैंप। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या के आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था। सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया। मुरीदके का मरकद तैयबा कैंप है। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।। मरकज सुभानअल्लाह बहावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग दी जाती थी। बड़े अफसर यहां आते थे। https://youtube.com/shorts/L9sw9ZAJy_s?feature=share ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा भारतीय सेना की मुस्लिम और हिन्दू महिला अफसरों ने किया, जानें क्या, क्यों, कहां कार्रवाई, कैसा असर