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पद्मश्री पंकज उधास नहीं रहे: बेटी नायाब ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी

जन्म: 17 मई 1951
निधन: 26 फरवरी 2024

आरएनई, बीकानेर।
‘पहले जब तूं खत लिखता था, कागज में चेहरा दिखता था…’ ‘नाम’ फिल्म की इस गजल के बाद भारत ही नहीं दुनिया के हर हिस्से में, हर शाम, घर-घर सुने जाने वाले पंकज उधास सोमवार को 72 की उम्र में दुनिया को अलविदा कर गए। उनकी बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।

‘चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल, एक तूं ही धनवान है गौरी, बाकी सब कंगाल’ जैसी सर्वकालिक सुपरहिट गजलें गा चुके पंकज उधास ने अपने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1980 में ‘आहट’ अलबम से शुरू की। इसके साथ ही संगीतप्रेमियों के दिलो-दिमाग में छा गये। वर्ष 2006 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से नवाजा गया।पंकज उधास के निधन पर देशभर के संगीतकारों, संगीतप्रेमियों ने शोक जताया है। शंकर महादेवन, सोनू निगम आदि इसमें प्रमुख हैं। उनकी गजलों में प्यार, नशा और शराब का जिक्र इस अंदाज में होता था वह जिस्मानी की बजाय रूहानी आभास कराता है। उनके भाई निर्मल उधास और मनहर उधास भी गायक हैं।