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पीबीएम में पेलियेटिव केयर : केन्द्रीय मंत्री मेघवाल की पहल पर सिप्ला फाउंडेशन के सहयोग से शुरू

RNE, BIKANER. 

कहने को यह एक सामान्य खबर है कि बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल परिसर में मंगलवार को पेलियेटिव केयर यूनिट शुरू हो गई। इसका उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने किया। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी, यूनिट के इंचार्ज और एनस्थिसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.युनुस खिलजी सहित कई विशिष्ट लोग मौजूद रहे।

इस सूचना से इतर पेलियेटिव केयर सेंटर कितना महत्वपूर्ण है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिल्डिंग बनी होने, बैड-संसाधन मौजूद होने, देश-दुनिया के एक्सपर्ट डॉक्टर्स से स्टाफ की ट्रेनिंग हो जाने के बाद ही इस सेंटर में पेलियेटिव केयर शुरू नहीं हो पाई। अब शुरू हुई तो उसमें सरकार की बजाय सिप्ला फाउंडेशन का सहयोग है जिसने सीएसआर में यहां सेवाएं दी है। हां, इसमें बड़ी भूमिका बीकानेर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की है जिन्होंने फाउंडेशन से व्यक्तिगत संपर्क कर सेवाएं शुरू करने का अनुरोध किया।

पहले जानें क्या है पेलियेटिव केयर:

पेलियेटिव केयर की जरूरत उन मरीजों को होती है जो बड़ी या गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन मुख्य बीमारी के साथ ही शरीर में असहनीय दर्द, उल्टी, घबराहट, हाथ-पांव में सूजन, असहजता, श्वांस मंे तकलीफ जैसी दिक्कतों से जूझ रहे होते हैं।। खासतौर पर कैंसर का इलाज ले रहे मरीजों को जिस अहसनीय दर्द से गुजरना पड़ता है उससे राहत दिलाना पेलियेटिव केयर का मुख्य काम है।

बीकानेर में छह साल से चल रहे प्रयास :

बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर बनाने वाले तेरापंथ समाज की पहल पर दानदाताओं ने पेलियेटिव केयर यूनिट के लिए अलग से भवन बनवाया। पेलियेटिव केयर के लिए ट्रेेंड डॉक्टर्स-नर्स सहित पूरे स्टाफ की जरूरत होती है। ऐसे में एनस्थीसिया विभाग की देखरेख में देश-दुनिया के एक्सपर्ट डॉक्टर्स से बीकानेर के स्टाफ-डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दिलवाई। यह कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर (सीटीसी) से के लिये एक साल का पेलियेटिव केयर ट्रेनिंग प्रोग्राम चला। इसमें डॉक्टर्स-नर्सेज को ट्रेनिंग दी गई। सिंगापुर में पेलियेटिव केयर की पायनियर मानी जाने वाली डा.सिंथिया गोह, डा.फ्रेंक फैरिस जैसे एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग दिलाई गई।

चल क्यों नहीं पाया, पेलियेटिव केयर सेंटर:

भवन, संसाधन, डॉक्टर, नर्सेज, दवाइयां सबकुछ उपलब्ध होने के बावजूद इस सेंटर में विधिवत पेलियेटिव केयर सेवाएं कुछ समय तक ही रस्मीतौर पर चल पाई। इसकी बड़ी वजह रही तबादला राजनीति। दरअसल जिन डॉक्टर्स, नर्सेज को पेलियेटिव केयर की ट्रेनिंग देकर यहां नियुक्ति दी गई उनका तबादला हो जाता या अन्यत्र सेवा में चले जाते। ऐसे में पेलियेटिव केयर सेंटर में कैंसर विभाग के डॉक्टर ही मरीजों को अतिरिक्त सेवाएं देते रहे।

अब ये हुआ इंतजाम :

सिप्ला फाउंडेशन पेलियेटिव केयर के लिये वित्तीय मदद एक्सपर्ट्स के तौर पर देता है। मतलब यह कि फाउंडेशन ने यहां एक डॉक्टर, दो नर्स सहित जरूरी स्टाफ नियुक्त किया है। इसमें डॉक्टर को एम्स से ट्रेनिंग दी गई है। तीन साल के लिये इसका एमओयू हुआ है। इस एमओयू का हर साल परफॉर्मेंस के आधार पर रिव्यू होगा।

मरीजों को ये राहत मिलेगी :

अभी यहां मरीजों को डे-केयर सेवा मिलेगी। मतलब यह कि अत्यधिक दर्द, उल्टी, सूजन जैसी तकलीफों से जूझ रहे मरीजों को मार्फिन जैसे इंजेक्शन उनकी जरूरत के मुताबिक तय मात्रा और समयावधि में दिये जाएंगे ताकि साइड इफैक्ट ना हो और पूरी राहत मिल सकें। फिलहाल दिन में ही ये सेवा हॉस्पिटल में ही मिलेगी मतलब यह कि ये डे-केयर सेंटर होगा।

मरीज के घर तक जाकर सेवा देंगे :

पेलियेटिव केयर शुरू करने के साथ ही जहां अभी हॉस्पिटल में ही डे-केयर सेवा मिलेगी वहीं ये डॉक्टर स्थानीय स्टाफ को एक बार फिर ट्रेनिंग देंगे। नया ट्रेंड स्टाफ तैयार होने के साथ ही अगले छह महीनों में उन मरीजों के घर जाकर सेवा देने की योजना भी है जो बिलकुल चलने-फिरने की स्थिति में नहीं है। इसके साथ ही मरीजों के रिश्तेदारों को भी गंभीर रोगियों की देखभाल के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।

मेघवाल ने हामिद को लिखी थी चिट्ठी:

अभी इस सेंटर को श्ुारू करवाने में कइयों ने प्रयास किये जिनमें बड़ी भूमिका केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की रही। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी और एनस्थिसिया के एसोसिएट प्रोफेसर डा.युनुस खिलजी ने मेघवाल को इस यूनिट की जरूरत समझाई। इस पर मंत्री मेघवाल ने सिप्ला फाउंडेशन के वाई.के.हामिद को व्यक्तिगत तौर पर आग्रह करने के साथ ही पत्र लिखा। डा.एच.एस.कुमार, एम्स दिल्ली की डा.सुषमा भटनागर, सिप्ला के बीकानेर निवासी सीएस राजेन्द्र चौपड़ा, अनुराग मिश्रा, आईआरएस इंद्र सोलंकी, तरूण शर्मा आदि का सहयोग रहा।

उपचार टीम में शामिल होंगे यह विशेषज्ञ :

डॉ. यूनुस खिलजी इस केंद्र के इंचार्ज होंगे। वरिष्ठ विशेषज्ञ कैंसर रोग डॉ. राजकुमार निर्वाण, सहायक आचार्य पेलिएटीव डॉ. मंजू चौधरी, डॉ. किरत अबासी, फिजियोथैरेपिस्ट परवेज भाटी, पेलिएटिव ओपीडी इंचार्ज नर्सिंग ऑफिसर अनिल मीणा, नर्सिंग ऑफिसर एहतिसाम एवं एनिमोल पी. एवं कैलाश मेघवाल इस टीम में शामिल होंगे।

यह बोले एक्सपर्ट : 

पेलिएटिव केयर सेंटर के इंचार्ज डॉ. यूनुस खिलजी ने बताया कि पेलिएटीव केयर मरीज के कैंसर उपचार के साथ साथ चलती है। इस दौरान कैंसर ट्रीटमेंट करने वाली टीम के साथ समन्वय स्थापित कर अत्यधिक दर्द एवं अन्य लक्षणों का उपचार किया जाएगा। डॉ. राजकुमार निर्वाण ने बताया कि मरीज के साथ उनके परिवार (केयर गिवर) को भी विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन एवं सहयोग किया जाएगा।

होम केयर सर्विस को हरी झंडी : 

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने होमकेयर सर्विस टीम को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने बताया कि यह टीम घर बैठे मरीज को पेलिएटिव सर्विस उपलब्ध करवाएगी। इस दौरान डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल, डॉ. शंकर लाल झाखड़, डॉ.बीएल खजोटिया, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, डॉ. पुखराज साध, डॉ. कमलेश हर्ष, डॉ. श्वेता मोहता, डॉ. मुकेश सिंघल, डॉ. राजेश सीवर, डॉ. संदीप भास्कर, डॉ. शिवशंकर झंवर, डॉ. गुमान सिंह, डॉ.सत्यशंकर हर्ष, डॉ. अतिमान, डॉ. पंकज टांटिया, डॉ. अमित सिंह शेखावत, डॉ. आरडी मेहता, नानूनाराम आदि अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।