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PBM : अब दोपहर 02 बजे तक होगी जांच, स्वास्थ्य सचिव के आदेश पर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.सोनी ने लागू की नई व्यवस्था

  • प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने माइक्रोबॉयलॉजी, बायाकैमेस्ट्री, पैथोलॉजी एवं सर्जरी विभाग की बैठक ली

RNE Bikaner.

राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हॉस्पिटलों में रोगी जिस दें डॉक्टर को दिखाने पहुंचेगा उसी दिन उसकी जांच होगी और उपचार शुरू किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा के सचिव अंबरीष कुमार ने एक दिन पहले प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों की मीटिंग में ये आदेश दिया। इसी कड़ी में शनिवार को बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर गुंजन सोनी ने पीबीएम हॉस्पिटल के लिए यह व्यवस्था लागू कर दी। डॉक्टर सोनी ने इसके लिए माइक्रोबॉयलॉजी, बायाकैमेस्ट्री, पैथोलॉजी एवं सर्जरी विभाग की बैठक भी ली।

जानिए कैसी मीटिंग, क्या नई व्यवस्था :

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंंजन सोनी ने पीबीएम अस्पातल की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने की दिशा में सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक लगातार माइक्रोबॉयलॉजी, बायाकैमेस्ट्री, पैथोलॉजी एवं सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्षों, नोडल अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान प्राचार्य डॉॅ. सोनी ने विभागाध्यक्षों को कहा कि आप अपने विभाग के विकास कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करवाएं साथ ही मरीजों को उपचार के दौरान कोई कमी नहीं आनी चाहिए यदि किसी संसाधनों की कमी रहती है तुरंत प्रपोजल बनाकर भेजें उसे त्वरित गति से पूर्ण कराया जाएगा।

ये लिए गए निर्णय :

1. ओपीडी मरीजों का ब्लड सैम्पल अब दोपहर 2 बजे तक लिया जाएगा।
2. जहां तक संभव हो मरीजों को जांच रिपोर्ट उसी दिन ही दी जाएगी।
3. बिना किसी पूर्व सूचना के कोई भी डॉक्टर अवकाश पर नहीं जाए, ऐसा होने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
4. फण्ड की कमी से किसी भी विभाग का कोई कार्य नहीं रुके, ऐसे कार्यों का तुरंत प्रपोजल भिजवाया जाए।

5. सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में ओपीडी मरीजों के लिए भी अब दोनों शिफ्ट में होगी सीटी स्कैन और एमआरआई जांच।
6. स्टाफ एवं फैकल्टी की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव।
7. सफाई ठेकेदार को सफाई व्यवस्था और अधिक प्र्रभावी ढंग से करने को कहा।
8. सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष को मरीजों के लिए आईडी मार्क सिस्टम डवलप करने की सलाह दी।
9. ईएमडी प्रभारी डॉ. जितेन्द्र आचार्य को निर्देश दिए की ओटी एवं ओपीडी में कोई भी वायर खुला न रहे, प्रोपर फिटिंग सुनिश्चित करवाए।
10. आपाताकलिन प्रकृति की जांचे अर्जेंट लिख कर लैब में भेजी जाएगी।

ये डॉक्टर्स रहे उपस्थित :

अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य ,पीबीएम उपाध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर जोशी, कॉर्डिनेटर डॉ. गौतम लुणिया, डॉ. तरूणा स्वामी, डॉ. अनीता वर्मा, डॉ. डीपी सोनी, डॉ. मनोहर लाल दवां, डॉ. सुरेन्द्र जीनगर, डॉ. रिद्धिमा गुप्ता, डॉ. सचिन बांठिया, डॉ. दीपशिखर आचार्य, डॉ. अजय श्रीवास्तव, निजी सहायक विनय गोस्वामी, डॉ. शकील, डॉ. एलके कपिल, डॉ. मो. सलिम, डॉ. अशोक लुणिया, डॉ. दीवान जाखड, डीसीएनएस आदराम, सुरक्षा अधिकारी राजेन्द्र, एमबबीए व्यवस्थापक निलेश, रमजान, वारिस तथा प्रवीण उपस्थित रहे।

जानिए क्या कहा था चिकित्सा सचिव ने :

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में उच्च स्तरीय बैठक ली।

बैठक में सभी 29 मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं संबद्ध 81 अस्पतालों के अधीक्षक उपस्थित रहे। इसी बैठक में कहा कि अस्पतालों में मरीज की पैथोलॉजी जांच परामर्श के दिन ही की जाएगी। इसके लिए जांच लैब में सैंपल कलेक्शन का समय और स्टाफ बढ़ाया जाएगा। साथ ही, किसी भी रोगी को निजी अस्पताल में नहीं भेजा जाएगा।

चिकित्सा सचिव ने ये भी कहा :

  • भीषण गर्मी एवं लू तापघात की स्थितियों के दृष्टिगत सभी अस्पतालों में माकूल इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।
  • किसी भी अस्पताल में पंखे, कूलर, एसी, पेयजल, छाया, साफ-सफाई, जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहे।
  • दवा वितरण केंद्रों पर एक माह एवं सब स्टोर पर तीन माह का स्टॉक आवश्यक रूप से उपलब्ध रहे।
  • अस्पतालों में बिजली से संबंधित समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दो इलेक्ट्रिशियन रखे जाएं।
  • सार्वजनिक निर्माण विभाग सभी अस्पतालों में सिविल और विद्युत दोनों कार्यों के लिए वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) करें।
  • ठेकेदार अस्पताल परिसर में 24×7 चौकी स्थापित करें। इस चौकी में इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, बढ़ई और मिस्त्री तैनात रहेंगे, जो चौबीसों घंटे मरम्मत कार्य के लिए उपलब्ध होंगे।