Movie prime

राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा

 
आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 18 वीं लोकसभा के लिए मतदान की आज प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। 543 सीटों पर सात चरणों में वोटिंग हुई है। 16 मार्च को निर्वाचन आयोग में लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा की थी और उसी दिन से देश मे आदर्श आचार संहिता भी लग गई थी। अब 4 जून को मतों की गणना होगी और चुनाव परिणाम आयेंगे। राजस्थान की सभी 25 सीटों पर पहले दो चरणों मे ही मतदान हो गया इसलिए यहां के लोगों को परिणाम की प्रतीक्षा लंबे समय तक करनी पड़ी है। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा राज्य में इस बार लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में कम मतदान हुआ इसलिए ठोस कयासों की बातें कम हो रही है। 2014 व 2019 के चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी 25 सीटें जीत ली थी। इस बार भी भाजपा ने मिशन 25 रखा था। मगर कम मतदान ने उसे भी भीतर से हिला दिया है। क्योंकि ये मतदान प्रतिशत इस बात को तो पुष्ट करता ही है कि चुनाव में इस बार कोई लहर नहीं थी। इसी कारण मतदाता मुखरित भी नहीं था। इसके अलावा कांग्रेस ने इस बार गठबन्धन करके चुनाव लड़ा। एक सीट नागौर की रालोपा के लिए व सीकर की सीट माकपा के लिए छोड़ी। वही बांसवाड़ा की सीट पर आदिवासी पार्टी को समर्थन दिया। जाहिर है, इसका अन्य सीटों पर थोड़ा ही सही, फायदा तो मिला ही है। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा फलौदी सट्टा बाजार देश की सुर्खियों में रहता है और उसे मीडिया भी आंकलन का आधार बनाती है। बाजार हालांकि नफे व नुकसान पर केंद्रित होता है, मगर पिछले कई चुनावों के बाद फलौदी सट्टा बाजार ने एक साख बनाई है। मगर ये भी सच है कि उस बाजार के भाव स्थिर नहीं है, कल बदल भी सकते हैं। फलौदी सट्टा बाजार की माने तो 7 सीटों पर इंडिया गठबन्धन आगे है और एक सीट पर बराबरी कर रखी है। ये तथ्य भावों के आधार पर सामने आया है। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा फलौदी सट्टा बाजार की मानें तो जाटलेंड की सीटें सीकर, चूरू, झुंझनु, नागौर व बाड़मेर भावों के हिसाब से इंडिया गठबन्धन के पास जा रही है। इसके अलावा दौसा व करोली धौलपुर की सीट भी भावों के आधार पर जीत रही है। वहीं टोंक सवाई माधोपुर में कांग्रेस व भाजपा के भाव बराबर के है, मतलब बराबरी की टक्कर है। ये तथ्य फलौदी सट्टा बाजार के भावों से अभिव्यक्त हुआ है। आज की ये स्थिति है, 4 जून तक वहां का बाजार क्या बदलाव भावों में करता है ये तो करेगा तब पता चलेगा। हाल फिलहाल वो 7 +1 सीट पर भाजपा को पीछे दिखा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा सट्टा बाजार के भावों पर भी दो पक्ष है। एक पक्ष जो इसके विरोध में है वो कहता है सट्टा बाजार तो अपनी कमाई के लिए भावों का ये खेल खेल रहा है। दूसरे पक्ष की राय अलग है, वो कहता है इसमें रुपये लगते हैं इसलिए हवा में भाव तय नहीं होते। रुपयों का घाटा कोई उठाना नहीं चाहता। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा दूसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषक व पत्रकार हैं, जो ये तो मानते हैं कि इस बार मामला एकतरफा नहीं है। कांटे की टक्कर है, मगर सीट बताने से वो कतराते हैं। इनका कहना है कि इस बार लहर न सत्ता के साथ थी और न विपक्ष के साथ, इस कारण परिणाम को लेकर भविष्यवाणी करना खतरे से खाली नहीं। मतदाता का मौन रहस्यमयी है। एक तरफ सट्टा बाजार है, दूसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषक है, पार्टियों के अपने दावे हैं। मतदाता इन सबको देख रहा है और मुस्कुरा भी रहा है। अब असल स्थिति तो 4 जून को ही पता चलेगी। तब तक सट्टा बाजार, पार्टियों व विश्लेषकों की धड़कनें बढ़ी रहेगी। राजनीतिक विश्लेषकों, सट्टा बाजार ने उलझा दिया 25 सीटों का गणित, 4 की सबको प्रतीक्षा -- मधु आचार्य ' आशावादी '

FROM AROUND THE WEB