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6 माह बाद भी प्रदेशाध्यक्ष को नहीं मिल पाई उनकी टीम, अर्से से बन रहे पदाधिकारियों को इस बार मौका नहीं

युवाओं, महिलाओं को मिलेगी संगठन में जिम्मेदारी
कुछ विधायक व मंत्री भी बन सकते है पदाधिकारी
राजे गुट के नेताओं को संगठन में मिलेगी तरजीह
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.


भाजपा में संगठन के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा हुए लगभग 6 माह हो गए। मदन राठौड़ निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बन गये। मगर अब भी राठौड़ अपनी टीम का गठन नही कर पाए है। प्रदेश के पददाधिकारी वही है, जो पहले थे। उनसे ही राठौड़ को काम चलाना पड़ रहा है।

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पदाधिकारियों की टीम वो है जिसका गठन पहले के अध्यक्ष व सांसद सी पी जोशी ने किया था। उनकी जगह मदन राठौड़ को मनोनीत किया गया मगर टीम वही रही। कहा गया कि संगठन चुनाव के बाद नई टीम बनाएंगे। संगठन चुनाव हुए और मदन राठौड़ अध्यक्ष बन गए, पर टीम अब भी वही है।
 

टीम के लिए कोशिश खूब हुई:
 

ऐसा भी नहीं है कि प्रदेशाध्यक्ष ने टीम के लिए प्रयास नहीं किये। इसको लेकर कई बार कसरत हुई। प्रदेश की तरफ से प्रस्तावित सूची लेकर राठौड़, प्रदेश प्रभारी राधेमोहन कई बार दिल्ली जाकर नेताओं से चर्चा भी कर चुके है।
 

पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष, गृहमन्त्री अमित शाह आदि से भी चर्चा हो चुकी। मगर तथ्य यह है कि अभी तक भी टीम की घोषणा नहीं हुई है। 
 

निर्णय अटकने के कारण:
 

भाजपा की प्रदेश की टीम के अटकने के कई कारण है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो चुनाव जनवरी में हो जाना चाहिए था वो भी अब तक नहीं हुआ है। उस चुनाव के टलने के अपने कारण है। मगर उसके कारण प्रदेश की टीम भी अटकी हुई है।
 

पहले दिल्ली चुनाव, फिर पहलगाम आतंकी हमला, फिर ऑपरेशन सिंदूर, इन सब कारणों से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव टलता रहा और राजस्थान की टीम अटकती रही। लगता है, नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने के बाद ही नई टीम को हरी झंडी मिलेगी।
 

राठौड़ के बयान से खलबली:
 

प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के एक बयान से भाजपा नेताओं में जबरदस्त खलबली मची जो अब भी बरकरार है। राठौड़ ने कहा कि कुछ मंत्री व विधायक भी पदाधिकारी बन सकते है। इस एक बयान ने कई मंत्रियों व कई उन विधायकों की आस जो मंत्री बनने की कोशिश में ही है, बड़ा झटका लगा। अब जब तक पदाधिकारी नहीं बनेंगे तब तक उनको राहत तो महसूस नहीं होगी।
 

राजे गुट को भी मिलेगी तरजीह:

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संगठन के पदाधिकारियों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट को भी तरजीह मिलेगी, इस तरह के संकेत मिल रहे है। क्योंकि केंद्रीय नेतृत्त्व ने सभी को साथ लेकर चलने की सीख दी है। उसके बाद राठौड़ व राजे की मुलाकात भी हुई है।
 

वर्षों से काबिज नेता हटेंगे:
 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी ने अपने बयानों में स्पष्ट कर दिया है कि जो लोग लगातार पदाधिकारी बन रहे है, उनको इस बार अवसर नहीं मिलेगा। 
 

उनकी जगह युवाओं व महिलाओं को तरजीह दी जायेगी। पार्टी के संगठन में अच्छे व समर्पित युवाओं को आगे लाया जायेगा। ये प्रयोग प्रदेश अध्यक्ष अनेक जिलों की कार्यकारिणी में सफलता के साथ कर भी चुके है